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Friday, July 24, 2020

बाप में भी होती है ममता -वात्सल्य !-बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)

सम्पादकीय- 

आचार्य मनोज बत्तरा के कीपैड से !


आप बीता एक सच्चा और मार्मिक प्रसंग! 
    

सहृदय बाप में भी होती है ममता -वात्सल्य !

    "मैया मोरी ,मैं नाहिं माखन खायों !"


     -"तो, किसने खायों ?"

     "मैया मोरी ,कबहुँ बढ़ेगी चोटी ?
     कितनी बार मोहें दूध पियत ,अबहुँ हैं यह छोटी !"

    -"मेरे लड्डू गोपाल !जेकर अमूल दूध पियत,तबहूं बढ़ती न ,तोरी चोटी !" 




     -तो देखा आपने ! वात्सल्य को लिखते -लिखते ,मुझमें भी ममता ,वात्सल्य और भक्ति के भाव आ गए !दरअसल , भक्ति -काल के शिरोमणि और सर्वोत्कृष्ट महाकवि सूरदास जी ,वात्सल्य का कोना -कोना झाँक आयें है !32 विद्याओं और 64 कलाओं से निर्मित ,महान कर्मयोगी  व विष्णु के पूर्ण अवतार भगवान् श्री कृष्ण की भक्ति में डूबे ,जन्मांध सूरदास जी ने अपने मन की आँखों से ,यशोधा मैया और बाल कृष्ण के संबंधों ,लीलाओं और वात्सल्य के उक्त जैसे अनेकों दुर्लभ और अद्भुत चित्र उकेरें है !उन जैसा कवि पुनः मिल पाना संभव नहीं है !
      अब ये भूमिका प्रस्तुत करने के बाद ,आधुनिक युग की "मीरा " महादेवी वर्मा जी के जीवन के उस प्रसंग की ओर , आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहता हू ,जिसे बहुत कम लोग जानते है !

    "मैं लेटी थी ,वो मेरे ऊपर लेटा था !
     मैं उठ न सकी ,क्योंकि वो उठ न सका ,क्योंकि वो मेरा बेटा था !"
                                                                           (-महादेवी वर्मा )

      -ये जवाब था ,महादेवी वर्मा जी का ,उन श्रोताओं को, जो कवि-सम्मेलन में उनका काफी देर से इन्तजार कर रहे थे ,उनसे नाराज हो रहे थे !
     महादेवी वर्मा जी के जवाब में ,मर्यादा का अतिक्रमण ,सूक्ष्म -बुद्धि और वाक् -चातुर्य दिख रहा है ,किन्तु वात्सल्य का ऐसा अद्भुत उदाहरण भी, क्या हमें कहीं ओर देखने को मिला है ?

     "आंगन में फूल खिला था कोई ,
     महक माली की थी ,
     पर लूट गया भँवरा !"

      -ये वर्षों पहले मैंने लिखा था ,पड़ोस में हुई, जन्म के समय हुई, एक नवजात शिशु की मौत पर !

     "....जीवन ऐसे भी है,जो जिए ही नहीं !
     जिनको जीने से पहले फिजां खा गई !
     जिंदगी का सफ़र, है ये कैसा सफ़र!
     कोई समझा नहीं ,कोई जाना नहीं। .... "
             (-फिल्म -सफ़र /गायक -किशोर कुमार )

     उस समय मुझे लिखने का नया-नया शौक लगा था !कल्पना -शक्ति मुझमें बहुत थी!उस बच्चें की मौत के प्रति मुझमें जिज्ञासा रही !संवेदना ,दुःख -दर्द था ,पर उतना नहीं ,जितना किसी अपने  के जाने का हुआ मुझे !
 दुनिया के रंग,लोगो का असली चेहरा ,असली संवेदना ,असली दुःख-दर्द, मुझे उत्कर्ष ने सिखाया !उत्कर्ष-मेरा बेटा !36 दिन का मेहमान!



     मुझे उन दिनों समझ कम ही थी ,उस समय दादी के कहने में आकर ,मिसेज की पहली डिलीवरी हमने सरकारी अस्पताल में करवाई !उचित ट्रीटमेंट और सुविधाओं के अभाव आदि के चलते ,बच्चा नाड़वे के साथ लिपटा हुआ पैदा हुआ! डॉक्टरों ने नाड़वा काटकर ,बच्चे को अलग किया ,किन्तु बेटे को साँस की तकलीफ शुरू हो गई!लेडी डॉक्टर ने मुझसे क्षमा भी मांगी ,कि वह जच्चा-बच्चा की ठीक से केयर न कर सकी !उसे डर था कि हम उस पर कोई केस न कर दें !जीवन-मरण ईश्वर  के  हाथों में होता है ,यह सोचकर हमने डॉक्टर को कुछ नहीं  कहा!और हम जल्दबाजी में ,एम्बुलेंस करके, बच्चे को पी जी आई ,चंडीगढ़ ले गए !रास्ते में बच्चे को सांस की तकलीफ बढ़ रही थी!किन्हीं कारणों से ,एम्बुलेंस में रखा ऑक्सीजन -सिलेंडर बच्चे  को लग नहीं पाया!बच्चे की मौत के डर से हम काफी घबरा गए !हमने एम्बुलेंस की सारी खिड़कियां जल्दी -जल्दी खोल डाली ,ताकि बच्चा ताज़ी, तेज हवा में सांस ले सके !घबराहट में उस समय हमे यही सूझा !हमारे पास दूसरा कोई विकल्प भी नहीं था!बस, ईश्वर का सहारा था और हम  उसी से प्रार्थना करते हुए आगे बढ़ रहे थे!
    बच्चे के दादा ने जन्म के समय,उत्कर्ष की जीभ पर शहद से ॐ लिखा और उसका 'उत्कर्ष' नामकरण किया!बाद में ,मैंने कहीं पढ़ा था कि जन्म के समय बच्चे को कोई खाद्य पदार्थ या पेय पदार्थ नहीं  देना चाहिए,क्योंकि इससे उसे नुक्सान होता है !
    दिखने में बेहद सुन्दर ,गोल -मटोल,हल्का-फुल्का। लाल होंठो वाला था , मेरा बेटा !उसके बेहद सहनशील होने का प्रमाण भी , उस समय हमें मिला !दिन में 3-4 बार ग्लूकोस आदि के लिए, जब उसे सुइंया चुभाई जाती ,तो वह रोता  नहीं था!
    बेटे के दिल में 3 m m का छेद था !ट्रीटमेंट के लिए  हम बच्चे को एम्स अस्पताल ,दिल्ली तक ले गए! और मेरे मन में ये बात  भी चल रही थी कि चाहे मुझे अपने शरीर के अंग भी बेचने पड़े ,अमेरिका तक भी ,बच्चे  को बचाने के लिए ,इलाज करवाऊंगा !और ये  एक बाप की बच्चे के लिए ममता - वात्सल्य ही था कि मैंने अपने चाचा से, अपने 50 हज़ार रूपये लेने के लिए कहा -सुनी भी की!
   अंततः बच्चे को इन्फेक्शन हो गया !खून का रंग काला!होंठो का रंग उस समय शायद नीला होने लगा था!बच्चे ने 5 -6 दिन तक पेशाब नहीं किया ,तो नर्सों ने उसके अंग में ,मुलायम और बारीक क्लिनिकली रबड़ की ट्यूब डालकर ,उसका पेशाब बाहर निकाला !उसके अंतिम दिनों में, फैमिली के लोग घर आएं हुए थे !मैं बच्चे के पास अकेला था !उसे सांस की बेहद तकलीफ शुरू  हो गई!डॉक्टर्स ने  कह दिया कि  सांस वाला पम्प रुकना नहीं चाहिए!18 घंटे तक लगातार ,बिना रुके मैं सांस वाला पंप चलाकर ,उसे सांस देता रहा !हाथ का कचूमर बन चुका था!न जाने कैसे सांस वाला पंप, 18 घंटे तक चलाने को,मुझमें इतनी हिम्मत आ गई थी!मुझे था कि यदि मेरा हाथ रुका ,तो बच्चा बचेगा नहीं!ईश्वर से बार-बार प्रार्थना कर रहा था कि मेरे पिछले और अगले समस्त जन्मों के समस्त पुण्य मेरे बेटे को दे दें ,और मेरे बेटे को बचा दें!

UAE-based Indian couple, baby die in Oman accident | Uae – Gulf News

   36 वें दिन नौसिखिए डॉक्टर्स की टीम आई  और ड्रामें  करते हुए उन्होंने ऑक्सीजन तेज कर दी !पहले उस समय मुझे समझ नहीं आया कि उन्होंने क्या किया !... फिर शुरू हुआ बच्चे को बचाने  का ड्रामा!... सब ख़त्म हो चुका था !शायद जानबूझकर डॉक्टर्स ने बच्चे  को मार दिया !सारी उम्र ये सवाल साथ चलता रहा कि क्या मेडिकल साइंस में लाइलाज बिमारियों में रोगी को मारने का अधिकार होता है?
   उसके मरते वक़्त कहीं दूर मद्धम -मद्धम नगाड़े बज रहे थे!मैं सुन्न था!साक्षी -भाव से मेरी आत्मा, मेरे शरीर से अलग होकर, बेटे की मौत के दृश्य को देख रही थी !
  .... परिवार के लोग और कुछ लोकल रिश्तेदार आ चुके थे!हम सब दैनिक भास्कर ,चंडीगढ़- कार्यालय के समीप एक शमशान -घाट में बेटे को दफनाने ले गएँ!
   बच्चे को नहला-धुलाकर ,नए कपडे पहनाकर मेरी गोद में दे दिया गया !और उसकी आत्मा की शांति के लिए मंत्रो-उच्चारण शुरू हो गए !
   इधर मैं बच्चे को चुनड़ियाँ मार रहा था !चुँगटियाँ काट रहा था!और मन में बोल  रहा था कि बेटे ,उठ !नहीं तो ,अब तुझे मिट्टी में दफना देंगें !... नहीं उठा वो !क्यों उठता वो?36 दिन का  साथ  ही तो था हमारा! 36 दिन में जिंदगी और अपने की मौत का सबक मुझे सीखा गया वो!दुनिया का असली चेहरा दिखा गया वो!एक बाप  में भी ममता - वात्सल्य जगा गया वो !हमारी गोद उस पुण्य आत्मा  को पसंद नहीं आई ,तो मैंने उसको धरती माता की गोद  में अर्पित  कर दिया !

My birth story: I am a dad and I delivered my baby by accident ...

   .... मिसेज टूट चुकी थी!उसे सँभालने की जिम्मेवारी मेरी थी !उसको दिलासा देता रहा और मैंने खुद के आंसू पी लिए !
  और इस सारे प्रसंग में लोगो और रिश्तेदारों का सच भी सामने आया!कुछ ने पैसों की सहायता तो देनी चाही ,पर सुसराल और अपने परिवार केअलावा, कोई भी एक रात, हमारे साथ अस्तपताल में, साथ देने के लिए नहीं रुका !चाचे के साथ उन दिनों प्रॉपर्टी को लेकर उठापटक चल रही थी !वो ,दादी और 2 बुआओँ का परिवार बच्चे को देखने तक न आया!एक कजिन साली ने तो न जाने क्यों ,बच्चे की छठी की मिठाई का डिब्बा वापिस भिजवा दिया!बच्चे की मौत पर सब रोने आ गए !ऐसे सब लोगों को छोड़ने का, उस समय फैसला मैंने ले लिया!आज मैं उन अनजान लोगों के साथ जीता हूँ ,जो दिल से मेरा साथ देते है !इज्जत करते है!

     "अपने ही गिराते है ,नशेमन पर बिजलियाँ !नशेमन पर बिजलियाँ !
गैरों ने आके ,दामन थाम लिया है!"

     इन ड्रामों से बिलकुल अलग ,मेरे दिल के काफी करीब मेरी एक कजिन ने मुझसे सही संवेदना और सांत्वना व्यक्त की-"मनोज !ईश्वर फिर देगा !"यह सुनकर मेरे सब्र का बाँध टूट गया और एक बाप की ममता अश्रुओं में बहने लगी!
     आज भी बेटे को याद करते हुए सोचता हु कि भगवान् तूने बेटा वापिस लेना ही था ,तो दिया ही क्यों था!क्या ये उसके और हमारे भी कर्म-फल थे ?हम समाचार -पत्रों में अक्सर पढ़ते है कि स्कूल -बस/वैन आदि के दुर्घटना-ग्रस्त होने से इतने बच्चों की मौत हो गई!इतने बच्चें नदी में डूब गए !हे भगवान् ,इन बच्चों को आप अपने खेल ,अपनी लीलाओं  ,कर्मफलों और मौत आदि से क्यों दूर नहीं रखते? बच्चों को बख्शकर भी तो, आपका संसार चल सकता है!बच्चें  हम माता-पिता की जिंदगी है!हमारा सहारा हैं!हमारे खिलोनें है !हमारी चेतना है और बच्चों के रूप में तेरी ही तो भक्ति है!सृष्टि को आगे बढ़ाने में ,तेरे द्वारा हमें सौंपी गई जिम्मेदारी है!

School Bus Accident in shivpuri, many child injured

    आज किसी के भी बच्चे को चहकते -महकते ,मुस्कुराते -खिलखिलाते देखता हू ,तो उत्कर्ष का गम प्राय भूल जाता हू !बच्चों की मौज-मस्ती ,तुतलाती बातें ,हंसी -मज़ाक,कलरव ,अठखेलियां ,मासूमियत ,सादगी ,भोलापन आदि तरों -ताजगी के साथ जीने की राह दिखाते है!देखने के लिए सूक्ष्म- नेत्र और भाव चाहिए ,बच्चो में ईश्वर के दर्शन हो जायेंगे!

Injury prevention - Introduction | Encyclopedia on Early Childhood ...

   बस ,मन में ये विचार /भाव आता है कि ये दूसरे के बच्चें मेरे कुछ नहीं लगते !इनमें मेरा अंश भी नहीं है !पर इन्होने मेरे चेहरे पर मुस्कान बिखेरी है !मेरे मन में स्फूर्ति भरी है!बस ,यही तो सच्चा रिश्ता है हमारे बीच!दोस्ती ,अपनापन ,सुरक्षा और केयर बनती है बच्चों के लिए!अब इसको उनको कोई रक्त -सम्बन्धी दें या कोई भी इंसान!सचमुच ,बच्चें तो सांझा होते है ,शिल्पा जी!
   समय बड़े-बड़े जख्म भर  देता है !आज उसका सही चेहरा मैं भूल गया हूँ !कभी याद  आने पर आँखें गीली हो जाती है ,जैसे कि अब लिखते -लिखते हो रही है !भाग-दौड़ ,उलझन  में हम उत्कर्ष की एक भी फोटो लें नहीं पाएं !जीवन -भर  ये अफ़सोस भी साथ चलता रहेगा !


उत्कर्ष से छोटी समिधा बिटिया !



चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा








Wednesday, July 8, 2020

विकास दुबे जैसे अपराधियों को राजनितिक सांठ -गांठ पर कैसे रोक लगे ?-बर्बाद इंडिया /मनोज बत्रा (एडिटर )

सम्पादकीय- 

आचार्य मनोज बत्तरा के कीपैड से !


अपराधियों को राजनितिक -संरक्षण /सांठ -गांठ पर कैसे रोक लगे ?

     कुख्यात अपराधी विकास दुबे द्वारा, कानपुर में एक डी एस पी समेत आठ पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या का दुस्साहस,अपराधियों का राजनितिक सांठ-गांठ  स्पस्ट करता है। समय-समय पर कोर्ट और चुनाव- आयोग इस दिशा में पहल करते रहे है, किन्तु राजनितिक दलों की इच्छा- शक्ति के बिना, तमाम कोशिशें  विफल रही है!

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      एक विद्वान ने कहा था कि अपराधी जन्मजात नहीं होते ,बल्कि बनाये जाते है !बहुत सारे कारण  है ,जिनसे अपराधी बन जाते है या बनायें जाते है !जैविक- कारण ,मनोवैज्ञानिक -कारण ,गरीबी ,बेरोजगारी ,भौतिकवाद ,जटिलताएं,आगे बढ़ने की होड़ ,धन-तन-पिपासा ,अतिमहत्वांक्षा आदि ही ऐसे ही प्रमुख कारण है !अपराधियों को मुख्यतया चार श्रेणियों -स्वाभाविक ,सामान्य ,मशीनरी और सफेदपोश अपराधी ,में बांटा जा सकता है !सर्वप्रथम ,सकारात्मक वैचारिक -क्रांति के साथ-साथ ,निश्चित रूप से व्यवस्था और नीतियों में परिवर्तन करके ,इन कारणों को कम करना होगा ,ताकि अधिकांश अपराधी बने ही न !




    इसके पश्चात ,अपराध और अपराधी को पनपने ही न दिया जाये !इसके लिए प्रशासन और कानून को हाईटेक  व सख्त होना होगा !सविंधान में परिवर्तन करके ,पुलिस को राज्य -सूची के साथ ही ,केंद्र -सूची में भी डालने की आवश्कयता है ! स्थानीय -स्तर पर राज्य -पुलिस ,केंद्रीय -बल ,सरकारी गुप्तचर-विभाग ,सम्बंधित NGO और सामाजिक-कानूनी संस्थाओं आदि के प्रतिनिधियों व सदस्यों को संयुक्त -रूप से संगठित कर ,प्रशासनिक गतिविधियों को पारदर्शी रूप में अंजाम देना होगा !अपराधियों में  इस संयुक्त -प्रशासन और सख्त कानून का डर भी अपराध पर निश्चित रूप से अंकुश लगाएगा !

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   अब मुख्यता ,अपराधियों को राजनितिक -संरक्षण /सांठ-गांठ पर कैसे रोक लगे ?इसके लिए ,एक ऐसे कानून के निर्माण और शत -प्रतिशत क्रियावन्यन की अतिआवश्यकता है ,जो स्वच्छ राजनीति  के लिए, ईमानदार और स्वच्छ छवि वाले ,पढ़े -लिखे देशभक्त लोगों को ही मुख्यता ,लोकतान्त्रिक परम्पराओं और मूल्यों का हिस्सा बनायें !यहाँ सविंधान की मूल -भावना और उदेश्यों का भी ध्यान रखा जाएँ!



   साथ ही राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट की शक्तियों में भी वृद्धि की जाये,कि यदि सरकार ,विपक्षी-दल या अन्य दल /संस्था /संगठन आदि भर्ष्टाचार व आपराधिक गतिविधियों या अपराधियों को संरक्षण/सांठ-गाँठ में लिप्त पाया जाता है ,तो उनकी तुरंत बर्खास्ती हो!उनकी चल-अचल संपत्ति जब्त की जाएँ और उन पर आपराधिक व देश-द्रोह का मुकदमा चलाया जाये !और ऐसे केसों में त्वरित फैसला हो!




चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा





Monday, July 6, 2020

तेल के दामों में कमी का लाभ जनता को क्यों नहीं ?-बर्बाद इंडिया /मनोज बत्रा (एडिटर )

सम्पादकीय- 


आचार्य मनोज बत्तरा के कीपैड से !


तेल के दामों में कमी का लाभ जनता को क्यों नहीं ?
    
  Fuel Price: Petrol and diesel prices reduced again due to fall in ...  

     बजट -निर्धारण में धन -आगमन और विभिन्न क्षेत्रों के विकास व लोक-कल्याणकारी योजनाओं आदि पर व्यय ,सब निश्चित होता है। सैद्धांतिक रूप और आर्थिक -दृष्टिकोण से ,सरकार आय -व्यय के असंतुलन पर ,घाटे की अर्थव्यवस्था को अपनाती है और प्राय उसका प्रयास रहता है कि वह इस घाटे की अर्थव्यवस्था को कम से कम अपनाएं। 
     इसके साथ ही ,व्यावहारिक रूप से ,सरकार की सोच यह भी रहती है कि वह लोक -कल्याणकारी योजनाओं को भी बजट के अनुसार चलाएं ,न कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतों के उतार -चढ़ाव के रहते ,जनता को अतिरिक्त लाभ पहुंचायें !क्योंकि इसके पीछे कहीं न कहीं सरकार की सोच ,प्राय लोक -कल्याणकारी होते हुए भी ,व्यापारिक रहती है। वह अपना राजस्व कम कर ,बजट को प्रभावित नहीं होने देती !वह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतों के गिरने का लाभ उठाते हुए ,राजस्व बढ़ाती है और घाटे की अर्थव्यवस्था को कम करती है।फलस्वरूप जनता को ये वाले लाभ मिल नहीं पातें !

Gold And Silver Rate On 8th June 2020, Bullion Rates In Major ...

    और सरकार के इस व्यावहारिक रूप का दूसरा पक्ष भी है!अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतों के बढ़ने पर ,सरकार दोहरापन दिखाती है। वह जनता पर बढ़ी कीमतों का बोझ डाल देती है!जोकि नैतिक नहीं है !बस यहीं से सरकार पर ऊँगली उठनी शुरू हो जाती है। इसके पीछे भी दो कारण समझ आते है - सरकार द्वारा राजस्व बढ़ाना और घाटे की अर्थव्यवस्था को कम करना !पर अगर सूक्ष्म -रूप से विचार किया जाएँ ,तो संभवतः राजस्व बढ़ाने के विकल्प  व संसाधनों की कमी ,भर्ष्टाचार ,आर्थिक -नीतियां ,आर्थिक -विषमता,उपनिवेश और एक सम्रग आर्थिक दृष्टिकोण आदि सरकार के जनता के प्रति सौतेले व्यवहार के प्रमुख कारण है! 
    एक लोक-कल्याणकारी सरकार को संविधान के लोक-कल्याणकारी नीति -निर्देशक तत्वों का स्वेच्छा से पालन करना चाहिए। सरकार को चाहिए कि तेल के दामों में अनावश्यक वृद्धि करने और आम जनता पर अनावश्यक कर लगाने से बचना चाहिए। अन्यथा ,विशेषतः किसानों की परेशानियां बढ़ेगी और आम जनता को महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी। अंतर्राष्ट्रीय परिस्थितयों में देश को आज उदार नीति की आवश्यकता है। 

  किसान क्यों रो रहे हैं प्याज़ के ...
    
  
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा



     

Tuesday, June 30, 2020

"बर्बाद इंडिया" के प्रमुख लिंक !-चीफ एडिटर -मनोज बत्तरा

"बर्बाद इंडिया" के प्रमुख लिंक !




ईमेल -
crownmanojbatra@gmail.com

वेबसाइट -

https://barbaadindianews.blogspot.com/2020/05/blog-post_8.html?fbclid=IwAR2_7bny7CS3GxQ9kEHVT-sNYQfsAKVTeVU5IzqPRhpU8MyUkCRLr5ihqWI

फेसबुक -पेज -

https://www.facebook.com/officialbarbaadindia/

फेसबुक -अकाउंट -

https://www.facebook.com/crownmanojbatra

फेसबुक -समूह -

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इंस्ट्रग्राम -

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ट्विटर-

https://twitter.com/https%3A%2F%2Ftwitter.com%2Fcrownmanojbatra?fbclid=IwAR2SlohcDpFH8nGdA9jAhwHPoHPC45A7DFdhZL11fIcGuOUodInU5afsINU

यूट्यूब -वीडियो -

https://youtu.be/cYKirZXK-0w?fbclid=IwAR1-Dses6yLPBpnCm--ZLfUm8_QYNdKQJW4ZlLNT6YlWzdg4wepBRmo5jFw

https://www.youtube.com/watch?v=B0YAOkRlqHo&t=13s&fbclid=IwAR2xKm1CH_cG9DoHkcXupV-IE7DRHVZShhYxWAH1dkdYO7tzFUJOSA1YOns


चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा

https://www.youtube.com/watch?v=B0YAOkRlqHo&t=13s&fbclid=IwAR35oAyFjXlgi9hR-T6N73KxwHaH-mLgdVOI93YOTX1d6G-Ft5KU2ocN6Ws




Monday, June 29, 2020

15 देशों में ,"बर्बाद इंडिया "के बढ़ते कदम !हमारे उद्देश्य व जानकारी !-बर्बाद इंडिया /मनोज बत्रा (एडिटर )

हमारे बारे में व सम्पर्क !

     ई ,2020 ईसवी में प्रारम्भ हुआ, ऑनलाइन न्यूज़ वेबपोर्टल -"बर्बाद इंडिया, "अपने शीर्षक- नाम ,शैली ,विविधता आदि कई कारणों से ,बड़ी तेजी के साथ भारत सहित ,दुनिया के विभिन्न देशों में पसंद किया जा रहा है! 




मुख्य-संपादक आचार्य मनोज बत्तरा के विषय में !

     "बर्बाद इंडिया "के मुख्य संपादक आचार्य मनोज बत्तरा है!पूर्व -जन्म के संस्कारों से उनका व्यक्तित्व निर्मित है !सतयुग में वे एक साध्वी थे !अब पुनः जन्म में पूर्वाभास ,दिव्याभास ,प्रेम ,भक्ति परोपकार ,विश्व-कल्याण आदि उनके जीवन के अविश्वनीय सच है !वे मुख्यत :एक विचारक ,दार्शनिक और नवीन विश्व के स्वप्न -द्रष्टा है !
     वे लेखन ,संपादन ,साहित्य ,स्वतंत्र पत्रकारिता ,अध्यापन ,फिल्म -निर्देशन और समाज-सेवा आदि क्षेत्रों से जुड़ें रहे है !








     हिंदी -उर्दू -साहित्य और फिल्मस की विभिन्न विधायें -लेख ,सम्पादकीय ,लघु कथा ,आत्मकथा ,उपन्यास ,कविता ,गीत ,ग़ज़ल ,शेरों -शायरी ,डायरी ,नाटक ,फिल्म -पटकथा ,संवाद,निर्देशन आदि उनकी प्रमुख विधाएँ है !


      अमर उजाला ,दैनिक जागरण ,दैनिक ट्रिब्यून ,दैनिक शाह टाइम्स,दैनिक मुज़फ्फरनगर बुलेटिन ,उत्तम बुलेटिन ,विज्ञान प्रगति ,समय की धारा  आदि विभिन्न 20 से अधिक पत्र -पत्रिकाओं से वे जुड़े रहें !








हमारा उद्देश्य !

     1 . झूठी और व्यावसायिक पत्रकारिता आदि से दूर रहते हुए ,देश की सच्ची तस्वीर प्रस्तुत करना !



     2. कम पढ़े -लिखें लोगों ,सामान्य जनता और क्रन्तिकारी विचारों वाले व्यक्तियों को स्वतंत्र -पत्रकारिता,संपादक को पत्र -लेखन  और समाज-सेवा से जोड़ना तथा उन्हें मीडिया की शक्ति और स्टेटस का अनुभव कराना !





    3. हर क्षेत्र की सही ,सच्ची ,सटीक, प्रमाणिक,अनछुई और सकारात्मक खबरें,सम -सामयिक खबरें और क्षेत्रीय समाचारों को प्रमुखता से प्रकाशित करना !
    4. विभिन्न प्रकार की रचनाओं ,आलेखों आदि को प्रमुखता से प्रकाशित करना !

हमसे संपर्क करें ! 

official पेज -

https://www.facebook.com/officialbarbaadindia/

ईमेल -

crownmanojbatra@gmail.com



-चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा 








 




Sunday, June 28, 2020

नेशनल अवार्डी डॉ. राजन सिंह को हैप्पी वाला बर्थडे !-बर्बाद इंडिया/मनोज बत्तरा(एडिटर)


नेशनल अवार्डी डॉ. राजन सिंह को हैप्पी वाला बर्थडे !


राष्ट्रिय -पुरस्कार से सम्मानित !

किसान का बेटा !

छोटी- उम्र का साहित्यकार !

संघर्षशील- जीवन !

राजनितिक- उत्तेजना !

सामाजिक- दायित्व !

कल्याण -भावना !

विचारों का घड़ा !

और ये सब भरा है ,

जो दिल्ली में खड़ा है !

-व्यक्तित्व डॉ. राजन सिंह !


जन्म -दिन पर "बर्बाद इंडिया "की हार्दिक शुभ-कामनाएं !

  -(चीफ एडिटर -आचार्य मनोज बत्तरा/

  बर्बाद इंडिया न्यूज़)

Friday, June 19, 2020

पॉजिटिव एनर्जी की पावर-बैंक है ,शिल्पा "शैली "!-बर्बाद इंडिया/मनोज बत्तरा(एडिटर)

प्रेरक -प्रसंग !

पॉजिटिव एनर्जी की पावर-बैंक है ,शिल्पा "शैली "!


     ईश्वर की बनाई हुई ,अद्भुत कृति ,मौलिक रचना को देखा तो नहीं ,पर फोन पर ,उनसे बात करके ,महसूस किया ,कि उन जैसा महान व्यक्तित्व ,शायद जीवन में दूसरा ,कोई नहीं आया !प्रेम ,श्रद्धा ,विश्वास ,भक्ति ,परोपकार,कल्याण-सहयोग -भावनाएं आदि से निर्मित है ,उनका व्यक्तित्व !ऐसा मेरा विश्वास  भी है कि सचमुच ,वे उच्च -मानवीय गुणों की प्रतिमूर्ति है!

    "हैलो ,मैं फलां बैंक से शिल्पा "शैली" बोल रही हू !सर ,आपके लोन की कुछ किश्तें बकाया हैं !बताइये सर ,कैसे करना है !"


ganesh chaturthi in bollywood celebrities brings home ganpati ...
शिल्पा शैली के लिए ,शिल्पा शेट्टी का प्रतीक -रूप में चित्र !

     आवाज की मधुरता और संतुलन ,मस्तिष्क की सारी टेंशन को गायब कर देता है !उनका बोला ,एक -एक शब्द ,दिमाग पर संजीवनी -सा असर छोड़ता है !
     मेरे द्वारा किश्तें न भरने के पीछे की मज़बूरी और कारण, जब उन्हें बताएं जाते है तो ,वे बेहद समझदारी से समझाती है कि जीवन में अंत का अनुभव ही ,जीवन में नई शुरुआत लेकर आता है !आप पॉजिटिव /सकारात्मक रहकर ,प्रयास करते रहिये !लोन की रकम छोटी है !आपको 60 % लेस भी दिलवा दूंगी !पर आप प्रयास करना मत छोड़िएगा !ईश्वर सब रास्ते बनायेंगें !


इस पेड़ से सीखिए !जीवन की शुरुआत कहीं से भी हो सकती है !

    उनकी सहयोग-भावना और सकारात्मकता देखकर, मन गद -गद हो गया !वास्तव में ,वे सकारात्मक -ऊर्जा (पोजिटिव- एनर्जी )की पावर -बैंक है !
   कोई नहीं ऐसे बात करता ,आपको समझता,समझाता !बैंक वालों ने तो लोन भरवाने के लिए ,आजकल बद्तमीज और गुंडे टाइप एम्प्लाइज़ पाल रखे है !



     और अंतत उनकी सकारात्मक सोच और दुआओं ने कमाल दिखाया !कहते है न ,कि एक दीपक से हम ,अनेक दीपक जला सकते है !वही मेरे साथ भी हुआ !उनकी सकारात्मकता ने, मुझमें भी प्राण फूंकें और मैंने सोचना शुरू किया !और आप यकीन नहीं करेंगें ,मस्तिष्क की गहराइयों में ,कोरोना -संकट में भी ,घर बैठे धन का उत्पादन वाला, वो विचार छिपा था !विचार पर प्रयोग करते ही ,बाहर भी हालात अपने अनकूल निकलें !
    दरअसल ,हम लगातार ,सतत ,ठोस प्रयास ही नहीं करते ,और असफलता व कर्म- फलों का रोना रोतें है !यही शिक्षा हमें चीटियां भी देती हैं कि वे ऊंचाई से जितनी बार भी गिरे ,पर वह लगातार प्रयास से सफल हो जाती है !जीवन में आगे बढ़ने और सफल होने के लिए ,जरूरत है,खुद को पहचानने व खुद पर विश्वास की ,सकारात्मक सोच और लगातार व ठोस प्रयास की !
     चलिए ,कुछ रकम बैंक में जमा करवा दी गई !शिल्पा "शैली "बेहद प्रसन्न हुई !उन्हें लगा कि मैनें उनका ,उनकी बातों का सम्मान किया !सच भी है ,जीवन में दिशा देने वाले ,ऐसे दिव्य -आत्मा गुरु आ जाएँ ,तो श्रद्धा से सिर नतमस्तक हो जाता है !उन्होंने मुझे धन्यवाद कहकर ,मेरा भी सम्मान किया और अपनी विनम्रता और संस्कारों का ही परिचय दिया !
     वैसे यह सच भी,अपने बारें में बताना चाहूंगा कि प्राय मैं सकारात्मक ही रहता हूँ !फिर भी नकारात्मकता की स्थिति में, खुद को जल्द या देर से निकाल लेता हूँ !पर इस बार परिस्थितियां बड़ी विकट रही ,नकारात्मकता अपना डेरा लम्बा जमाने के मूड में थी ,पर शिल्पा "शैली "रब  बनकर ,समझाने आ गए !
      शिल्पा "शैली "अपने काम और परिवार के प्रति बेहद ईमानदार है !बार -बार बैंक के ग्राहकों का ,पूर्ण आत्मीयता के साथ "फॉलो-अप" करना ,कोई शिल्पा जी "शैली" से सीखें !
   उनकी कभी -2 ,कांपती आवाज ,ये बताती है कि वे मर्यादा में रहते हुए ,दोस्त बनाती है और वे मन से बेहद कोमल है !
    वे लोगों से अपने विचारों का मेल खोजती रहती है !जीवन में सच्चाई ,सामान्यता और सरलता उन्हें पसंद है !

    अंत में ,शिल्पा "शैली " जीवन -कला की एक महान सरिता है और मेरा ऐसा विश्वास है कि मन की सुंदरता ही ,शारीरिक सुंदरता के सामने सर्वश्रेष्ठ है !

-आचार्य मनोज बत्तरा द्वारा !


चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा

https://www.youtube.com/watch?v=B0YAOkRlqHo&t=13s&fbclid=IwAR35oAyFjXlgi9hR-T6N73KxwHaH-mLgdVOI93YOTX1d6G-Ft5KU2ocN6Ws

"कांटें की व्यथा !"-नेशनल अवार्डी साहित्यकार कंचन शर्मा से प्रेरित कविता (मनोज बत्रा )-बर्बाद इंडिया/मनोज बत्तरा(एडिटर)

मेरी प्रेरणा !

   राष्ट्रपति -पुरस्कार से सम्मानित व मिसेज इंडिया रही ,श्रीमती कंचन शर्मा ,साहित्यिक व सामाजिक गतिविधियों के अतिरिक्त ,हिमाचल के पर्यावरण व संस्कृति को बचाने आदि के लिए कार्य कर रही है !कोरोना -संकट में ,उनका नया रूप देखने को मिला !एक सरकारी विभाग की ,एक इंजिनयर के रूप में ,वे एक कोरोना- योद्धा का दायित्व  भी निभाती नज़र आई !अक्सर उनका साहित्य और विशिष्ट कार्य ,मुझे प्रेरित करता रहता है !

-आचार्य मनोज बत्तरा (चीफ एडिटर ,बर्बाद इंडिया न्यूज़ )

कंचन शर्मा की कलम से !

मैं फूल हूँ ,फूल ही रहूंगा !
तुम कांटों की तरह, मचलतें रहो !
मेरी फितरत हैं, खुशबू बिखेरना !
तुम चाहे, नफरत से भी, मसलतें रहो !

चित्र में ये शामिल हो सकता है: Kanchan Sharma, मुस्कुराते हुए


कविता -

"कांटें की व्यथा !"

तुझे सहेज कर रखूं !
तुझे सुरक्षा दूँ !
-काम यही मुझ कांटें का !
पर हो जाता हूँ ,
उस समय मैं बेबस !
जब पवन का तेज झोंका ,
तुझे उड़ा ले जाता है !
तेरा अस्तित्व मिटा जाता है !!
फिर रह जाता हूँ मैं ,
बेबस ,अकेला और तन्हा !

-कवि मनोज बत्तरा  द्वारा !


चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा

https://www.youtube.com/watch?v=B0YAOkRlqHo&t=13s&fbclid=IwAR35oAyFjXlgi9hR-T6N73KxwHaH-mLgdVOI93YOTX1d6G-Ft5KU2ocN6Ws


Wednesday, June 17, 2020

कवियत्री रेखा रुद्राक्षी-जीवन-कला की महान सरिता !"दें,अपनी भक्ति !"(मनोज बत्तरा)-बर्बाद इंडिया/मनोज बत्तरा(एडिटर)





रेखा रुद्राक्षी-कवियत्री का व्यक्तित्व!

(कविता-"दें, अपनी भक्ति !")

निर्मल ,पावन ,निर्मूल ,निर्दोष ,स्पष्ट ,बेबाक -प्रवाह था,उनके मन का!

आज मैंनें देखा ,महसूस किया!

छा गई मदहोशी -मूर्छा !

जैसें कोई सर्प ,मदहोश हुआ हो ,बीण पर !

नहीं कोई अंत ,उनके वार्तालाप का!

असीमित -अंनत उनके मधुर प्रलाप का!

आज पहला अध्याय था ,कल दूसरा ,परसों तीसरा होगा !

सच,जीवन की वें महान कविता हैं !

जीवन-कला की महान सरिता हैं!

 नमन तुझकों ,ऐ मातृ -शक्ति !

 सदैव कृपा रख ,दें अपनी भक्ति!

 ताकि तुझकों और जान सकें !

 परायों की दुनिया में ,अपना मान सकें !

   -पंडित मनोज बत्तरा

     (वरिष्ठ पत्रकार/फिल्म -निर्देशक /साहित्यकार)

      संपर्क- crownmanojbatra@gmail.com







रेखा रुद्राक्षी- कवियत्री का परिचय !




नाम - रेखा रुद्राक्षी।                                                               

जन्म - तिथि- 9 अप्रैल ,1983. 

पता - नई दिल्ली।

ईमेल  - directorrekhasharma @gmail.com

शिक्षा - स्नातक। लेखन -विधा - कविता ,गजल ,शेरो -शायरी ,लघु -कथा ,कहानी ,प्रेरक -प्रसंग ,गीत ,फिल्म -पटकथा आदि।

अन्य कार्य -क्षेत्र- फिल्म -निर्देशन,सम्पादन,वेब -चैनल अधिकारी ,काउन्सलिंग ,समस्याओं का दिव्य- समाधान ,कम्प्यूटर -ग्राफिक्स ,ऑन -लाइन व्यापार।


न्यूज़ /मैगज़ीन वेबसाइट-https://rudrakshinewsmagzine.blogspot.com/2020/05/blog-post_67.html?spref=fb&fbclid=IwAR1zU5XwzF65iqOk0kNV3A74Qteu3oBLZY7tPjmH0OZbV13ysXWsFSESSSA



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