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Friday, June 19, 2020

"कांटें की व्यथा !"-नेशनल अवार्डी साहित्यकार कंचन शर्मा से प्रेरित कविता (मनोज बत्रा )-बर्बाद इंडिया/मनोज बत्तरा(एडिटर)

मेरी प्रेरणा !

   राष्ट्रपति -पुरस्कार से सम्मानित व मिसेज इंडिया रही ,श्रीमती कंचन शर्मा ,साहित्यिक व सामाजिक गतिविधियों के अतिरिक्त ,हिमाचल के पर्यावरण व संस्कृति को बचाने आदि के लिए कार्य कर रही है !कोरोना -संकट में ,उनका नया रूप देखने को मिला !एक सरकारी विभाग की ,एक इंजिनयर के रूप में ,वे एक कोरोना- योद्धा का दायित्व  भी निभाती नज़र आई !अक्सर उनका साहित्य और विशिष्ट कार्य ,मुझे प्रेरित करता रहता है !

-आचार्य मनोज बत्तरा (चीफ एडिटर ,बर्बाद इंडिया न्यूज़ )

कंचन शर्मा की कलम से !

मैं फूल हूँ ,फूल ही रहूंगा !
तुम कांटों की तरह, मचलतें रहो !
मेरी फितरत हैं, खुशबू बिखेरना !
तुम चाहे, नफरत से भी, मसलतें रहो !

चित्र में ये शामिल हो सकता है: Kanchan Sharma, मुस्कुराते हुए


कविता -

"कांटें की व्यथा !"

तुझे सहेज कर रखूं !
तुझे सुरक्षा दूँ !
-काम यही मुझ कांटें का !
पर हो जाता हूँ ,
उस समय मैं बेबस !
जब पवन का तेज झोंका ,
तुझे उड़ा ले जाता है !
तेरा अस्तित्व मिटा जाता है !!
फिर रह जाता हूँ मैं ,
बेबस ,अकेला और तन्हा !

-कवि मनोज बत्तरा  द्वारा !


चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा

https://www.youtube.com/watch?v=B0YAOkRlqHo&t=13s&fbclid=IwAR35oAyFjXlgi9hR-T6N73KxwHaH-mLgdVOI93YOTX1d6G-Ft5KU2ocN6Ws