Translate

Search This Blog

my lead

230342f92a3d4e1cead36d395b2d7b45
Showing posts with label प्रेरक -प्रसंग. Show all posts
Showing posts with label प्रेरक -प्रसंग. Show all posts

Monday, September 12, 2022

फॉरएवर मिस इंडिया पटियाला सुश्री समिधा बत्रा, बिग बॉस विजेता प्रिंस नरूला के 'मिस इंडिया' शो के ग्रैंड फिनाले में भी पहूंची !Forever Miss India Patiala Ms. Samidha Batra also reached the grand finale of 'Miss India' show of Bigg Boss winner Prince Narula!

फॉरएवर मिस इंडिया पटियाला सुश्री समिधा बत्रा, बिग बॉस विजेता प्रिंस नरूला के 'मिस इंडिया' शो के ग्रैंड फिनाले में भी  पहूंची !



राजपुरा ,पंजाब(ईश्वर आज़ाद द्वारा)। 
दिनांक -12 सितम्बर ,2022 . 

    दैनिक ट्रिब्यून और मिसेज इंडिया श्रीमती कंचन शर्मा से पुरस्क़ृत लेखक और रिपोर्टर मनोज बत्रा की सुपुत्री सुश्री समिधा बत्रा ने एक बार फिर अपनी सफलता का इतिहास रचा !
    सुश्री समिधा बत्रा, फॉरएवर मिस इंडिया पटियाला का ख़िताब जीतने के बाद ,बिग बॉस विजेता जज प्रिंस नरूला के 'मिस इंडिया ' शो के ग्रैंड फिनाले में भी  पहूंची !
    इस महीने गोवा में  'glamorous production house' द्वारा  आयोजित, तीन दिवसीय इस मिस इंडिया प्रतियोगिता में सम्पूर्ण भारत से फैशन और मॉडलिंग की सैकड़ों लड़कियां भाग ले रही है !
     'glamorous production house' के दीपक सिंह ने बताया कि सुश्री समिधा बत्रा की अच्छी परफॉमेंस को देखते हुए ,उनको नेशनल टैग  और भविष्य में 'मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता' में भाग लेने का चांस  दिया जा सकता है!
    बी.कॉम. की छात्रा  और एक विदेशी कंपनी की adviser सुश्री समिधा बत्रा ने खुश होते हुए बताया कि ऐसे अवसर उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते है !यह एक नारी -सशक्तिकरण का एक उदाहरण है!
    इस शो में फैशन ,मॉडलिंग और फिल्म-टीवी जगत की हस्तियां जैसे-प्रिंस नरूला, युविका चौधरी ,अरुण शर्मा,उवि शेट्टी ,कशिश ठाकुर आदि शामिल हो रहे है!

भारत के सबसे बड़े ब्यूटी- पेजेंट(pageant ) के ग्रैंड फिनाले में ,पत्रकार मनोज बत्रा की सुपुत्री सुश्री समिधा बत्रा ने लगाए सफलता के अम्बार,रचा इतिहास -


Forever Miss India Patiala Ms. Samidha Batra also reached the grand finale of 'Miss India' show of Bigg Boss winner Prince Narula!

Rajpura, Punjab (by Ishwar Azad).
 Dated - 12 September, 2022.

    Ms. Samidha Batra, daughter of Manoj Batra, an award winning writer and reporter from Dainik Tribune and Mrs. India Mrs. Kanchan Sharma, has once again created her own history of success!
    Ms. Samidha Batra, after winning the title of Forever Miss India Patiala, also reached the grand finale of Bigg Boss winner Judge Prince Narula's 'Miss India' show!
    Organized by the 'glamorous production house' in Goa this month, hundreds of fashion and modeling girls from across India are participating in the three-day Miss India pageant!
     Deepak Singh of 'glamorous production house' said that considering the good performance of Ms. Samidha Batra, she can be given a national tag and a chance to participate in the 'Miss World pageant' in future!
    B.Com Ms. Samidha Batra, a student and adviser of a foreign company, happily told that such opportunities motivate her to move forward! This is an example of women empowerment!
    Celebrities from fashion, modeling and film-TV world like Prince Narula, Yuvika Chaudhary, Arun Sharma, Uvi Shetty, Kashish Thakur etc. are participating in this show.



Thursday, November 5, 2020

इंडिया टाइम्स हिंदी का इंटरनेट पर वीडियो हुआ वायरल ! उड़ने वाली कार में; अब मनाइये हनीमून !-बर्बाद इंडिया न्यूज़ / मनोज बत्रा (एडिटर)

आश्चर्यजनक 

इंडिया टाइम्स हिंदी का इंटरनेट पर वीडियो हुआ वायरल !

उड़ने वाली कार में; अब मनाइये हनीमून !

  नई दिल्ली ,4 नवंबर ,2020 . (मनोज बत्तरा द्वारा ). 

     कुदरत अपने चमत्कारों से तो मानव को आश्चर्यचकित करती ही है,विज्ञान भी उसे विस्मित करने में ,कोई कसर नहीं छोड़ता !आवश्कयता अविष्कार की जननी होती है ,ये बात विज्ञान -जगत अच्छे से समझता है ,शायद इसीलिए वह मानव -जाति की इच्छाओं,सपनों और उसके सुगम जीवन आदि का सम्मान करते हुए ,अद्भुत और आश्चर्यजनक अविष्कारों का निर्माण करता रहता है!



     आज विज्ञान की सहायता से ही कल्पनाशील और सुख -इच्छुक मानव,समुन्द्र के अंदर शादी और हनीमून तक मना लेता है !अब उसकी इन इच्छाओं को आकाश में भी पूरा किया जा सकेगा ! जी हाँ ,अब विज्ञान मानव के हनीमून हेतू लाया है ,एक उड़ने वाली कार !



     इंडिया टाइम्स हिंदी के अनुसार ,स्लोवाकिया की क्लेनविजन फर्म की अद्भुत यह कार, अचानक 3 मिनट में ही ,हवाई जहाज में बदल जाती है ! जमीन पर चलने के साथ-साथ यह आकाश में भी उड़कर गति करती है !अभी हाल ही में 1500 फीट ऊँची उड़ान भरकर ,इस कार ने सफल टेस्ट पास किया है ! 200 किलोग्राम से अधिक का भार उठाने वाली यह अद्भुत कार ,18 लीटर प्रति घंटा ईंधन खपत करती है !इस कार को प्रोफेसर स्टीफन क्लेन ने डिजाइन किया है !निकट भविष्य में ये कार्रें आकाश में टैक्सी के रूप में भी उड़ती दिखाई देंगी !



     धिक जानकारी और इसकी उड़ान का सफल परीक्षण देखने हेतू कृपया इस लिंक पर क्लिक कीजियेगा !


                 


चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा


Thursday, September 17, 2020

टेली -कलिंगनार ! .... जब बत्तरा ने ठुकराई ,एक ठग की 10 लाख रूपये की ऑफर ! लेडी श्रवण कुमार हैं ,शिल्पा 'शैली '!@मुख्य संपादक मनोज बत्तरा -बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर) )

टेली -कलिंगनार !

.... जब बत्तरा ने ठुकराई ,एक ठग की 10 लाख रूपये की ऑफर !

लेडी श्रवण कुमार हैं ,शिल्पा 'शैली '!@मुख्य संपादक मनोज बत्तरा 

दिनांक -17 सितम्बर ,2020 . 

राजपुरा -चंडीगढ़ (पंजाब ).(शिल्पा 'शैली 'और मनोज बत्तरा द्वारा )

     आज 'बर्बाद इंडिया 'की को -एडिटर शिल्पा 'शैली 'जी से ,मुख्य संपादक मनोज बत्तरा की संक्षिप्त वार्ता हुई !प्रस्तुत है कुछ अंश :-

     "मैंने जीवन में दो बातें सीखी है,पहली कि सफलता के लिये ,विकल्प और दूसरी ,उस लक्ष्य को ,जिसे आप पाना चाहते है ,'गोल'मानकर ,सकारात्मक सोच के साथ ,सतत प्रयास जरूरी है !"मैंने शिल्पा जी से कहा। 

     प्रत्युत्तर में शिल्पा जी बोली -'आपकी पहली बात ,100 %सच है !विकल्प जीवन में होने चाहिए !जीवन जीने का यहीं सलीका है!एक रास्ता बंद होता है ,तो अन्य रास्ते खुलते है !'

     मन ही मन सोच रहा था कि दूसरी बात पर ,शिल्पा जी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। खैर ,मैंने ही इस बात को प्रमुखता देते हुये ,उनसे कहा -" 'गोल' वाली बात में भी ,कुछ पॉइंट है !'गोल'को हासिल करने में ,आपकी जिद्द या आपका अंहकार और या आपका स्वाभिमान भी ,महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है !"

     'स्वाभिमान के साथ ही ,इंसान को जीवन में आगे बढ़ना चाहिये और ध्यान रखना चाहिए ,कि माता -पिता का नाम ख़राब न हो !'-शिल्पा जी की बात सुनकर ,ऐसा लगा जैसे वे 'लेडी श्रवण कुमार' है !बात -बात में माता -पिता को याद करना ,उनके दिए संस्कारों का प्रकटन आदि मातृ -पितृ -भक्ति का ,इस कलियुग में अद्भुत उदाहरण है !

 


     'जी ,.... मैंने जीवन में सच्चाई के मार्ग को चुना !आपको बताऊँ मैं ,विषम -परिस्थितियों में ,एक ठग(ग्राहक ) ने लोगों से ठगी मारने के लिए ,10 लाख रुपये का ,मुझे ऑफर दिया ,तो मैंने अपनी ईमानदारी और देश-भक्ति का हवाला देते हुए ,उसे चलता कर दिया ! पर वो मुझसे प्रभावित होकर बोला कि आपकी मैं इज्जत करता हूँ ,बुरे वक़्त में कभी आपने 500 /-रूपये की मेरी मदद की थी !सोचा, आपकी परेशानियों में ,10 लाख रूपए आपकी मदद करेंगे !पर आपकी देश-भक्ति देखकर ,मेरी आत्मा भी जाग गई है !अब मेहनत से बेटी और बीवी का  भरण-पोषण करूँगा !... फिर वह पंजाब छोड़कर कहीं चला गया !पिछले 5 वर्षों से ,अपनी शॉप पे उसके दर्शन नहीं हुये !'- मेरी ये बात सुनकर, शिल्पा जी सोच रही होंगी कि कितने 'मिया मिठ्ठू' है !मुझे तो डर है ,कहीं मुझे 'मिठ्ठू जी ' बुलाना न शुरू कर दें!मैंने उनसे आगे कहा -'सच्चाई का मार्ग एक कठिन मार्ग है!काँटों का बिछोना है !मेरे मन में एक ही बात रहती है कि कष्टों वाले, इस मार्ग पर, जब भी सफलता मिलेंगी ,वह आनंदमय ,स्थायित्व और संतोष पूर्ण होगी !'-शिल्पा जी ने मेरी इस बात पर पूर्ण समर्थन में ,अपनी हामी का मुझे रिवॉर्ड दिया !और बोली कि 'गलत रास्तों पर जाकर ,शॉर्टकट से सफलता पाना ,मतलब खुद को बर्बाद करना !'


व्यक्तिगत कारणों से शिल्पा "शैली " के स्थान पर,प्रतीक -रूप में
अभिनेत्री  शिल्पा शैट्टी का चित्र लगाया गया है !
 

     थैंक यू सो मच ,शिल्पा जी !कभी -कभी तो ऐसे लगता है कि हम दोनों एक ही थैली के चट्टे -बट्टे है !फोटो -कॉपी है !अब प्लीज ,लड़ना मत कि चट्टा कौन है ,और बट्टा कौन है ?


चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा


Sunday, September 13, 2020

एक और सोनू सूद ! सोनू सूद की जलाई अलख से ,देश में इंसानियत का प्रसार ! सतपाल चावला ने ,अपने पैसे खर्च कर, मज़दूर को घर भिजवाया -बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर) !

एक और सोनू सूद !

सोनू सूद की जलाई अलख से ,देश में इंसानियत का प्रसार !

सतपाल चावला ने ,अपने पैसे खर्च कर, मज़दूर को घर भिजवाया !

दिनांक -13 सितम्बर ,2020 . 
कुलदीप नगर,राजपुरा (पंजाब ). (मनोज बत्तरा द्वारा ). 

     कोरोना के वैश्विक -संकट के चलते ,मुंबई के प्रवासी मज़दूरों को ,अपने खर्च पर फिल्म -अभिनेता सोनू सूद ने ,उन्हें उनके घर तक पहुँचाने की, जो मुहिम शुरू की थी ,उसका असर देश के हिस्सों में भी देखने को मिल रहा है !या यूँ कहे कि सोनू सूद ने मानवता की मिसाल की जो अलख जलाई ,उससे लोगों में भी मानवता का प्रसार हुआ है !सचमुच, सोनू सूद द्वारा ,किये गए उच्च -स्तरीय,लोक -कल्याण के कार्यों के कारण ही ,वे देश के असली हीरो है !



     आज मानवता का एक साक्षात् किस्सा देखने को मिला !लगा एक और सोनू सूद सामने है !कुलदीप नगर निवासी ,राधा -स्वामी सतपाल चावला ने 30 रूपये टैम्पू का किराया खर्च करके ,एक बिहारी मज़दूर को ,पटियाला में ,उसके चाचा के घर पहुँचाया !
     दरअसल वह बिहारी इस समय ,गोरखपुर ,उत्तर प्रदेश से शाम के वक़्त राजपुरा पहुंचा था।रास्ते में उसके सारे पैसे खर्च हो गए थे !वह पटियाला का रास्ता पूछकर ,पैदल ही ,26 किलोमीटर दूर पटियाला जाने लगा तो सतपाल चावला की मानवता जाग गई ,उन्हें ये भी डर था कि देर रात वह ,पैदल पटियाला पहुंचेगा ,तो कर्फ्यु के कारण उसे पुलिस वाले भी ,तंग करेंगे !खैर ,उन्होंने 30 रूपये टैम्पू का किराया खर्च करके,उस बिहारी मज़दूर को पटियाला के लिए ,टैम्पू में रवाना कर दिया। 



     पेशे से स्वयं टैम्पू के वाहक ,सतपाल चावला मृदुभाषी ,मिलनसार और हँसमुख इंसान है !उनके मना करने के बावजूद ,इस समाचार को ,बड़ी खबर मानकर ,लोगों तक पहुँचाना ,'बर्बाद इंडिया 'अपना कर्तव्य  समझता है और अपनी शुभकामनाओं से उन्हें सम्मानित करता है !

    
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा


Saturday, September 12, 2020

आश्चर्यजनक ! सोनू सूद की जरूरत ,भारतीय ग्रास कला को ,रोजगार -अवसर हेतू ! बंद आँखों से ,सरकंडे की अद्भुत कलाकृतियां बनाते है ,अभिषेक चौहान !-बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)

आश्चर्यजनक !

सोनू सूद की जरूरत ,भारतीय ग्रास कला को ,रोजगार -अवसर हेतू !

बंद आँखों से ,सरकंडे की अद्भुत कलाकृतियां बनाते है ,अभिषेक चौहान ! 

दिनांक -12 सितम्बर ,2020 . 
राजपुरा (पंजाब ). (मनोज बत्तरा द्वारा ). 

     अनादि काल से चली आ रही ,विरासती कला 'ग्रास आर्ट' के माहिर ,ग्रास आर्टिस्ट अभिषेक चौहान ,देश के प्रथम ऐसे कलाकार है ,जो आँखें बंद करके ,सरकंडे/घास  से,विभिन्न प्रकार की अद्भुत कलाकृतियां बना सकते है। 
     केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और पंजाब सरकार द्वारा ,अभिषेक को उनकी इस अद्भुत कला हेतू सम्मानित भी किया जा चुका है। अभिषेक का कहना है कि ये विरासती कला ,आज अपनी पहचान खोती जा रही है ,यदि भारत के रियल हीरो और फिल्म कलाकार सोनू सूद ,इस कला के अम्बैसेडर बने ,तो विश्व -स्तर पर ,ग्रास कला की खासी पहचान बन सकती है !सरकंडे से फूल ,सजावटी सामान ,गहने ,धार्मिक -चिन्ह और राखियां आदि को भी तैयार किया जा सकता है ,इसलिए स्वदेशी रोजगार के अवसर को पैदा किया जा सकता है !प्रवासी मजदूरों हेतू रोजगार उत्पन्न करने की मुहिम चलाने वाले ,सोनू सूद की आवश्यकता ,आज देश की इस अद्भुत ग्रास कला को भी है !  


            
                                                                    अभिषेक के पुराने चित्र !
                                                        आँखें बंद और तैयार कलाकृति !
          
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा


                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                       

टेली-कॉलिंगनार ! रिश्तों के गेम -शो 'कौन बनेगा रिश्तेदार ?'में बत्रा ने करोड़ों की बाजी जीती ! रिश्तों में बातें छिपाना ,मतलब खुद का गलत होना !@को -एडिटर शिल्पा 'शैली '-बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)

टेली-कॉलिंगनार !

रिश्तों के गेम -शो 'कौन बनेगा रिश्तेदार ?'में बत्रा ने करोड़ों की बाजी जीती !

रिश्तों में बातें छिपाना ,मतलब खुद का गलत होना !@को -एडिटर शिल्पा 'शैली '

दिनांक -12 सितम्बर ,2020 .
राजपुरा -चंडीगढ़ (पंजाब ). (मनोज बत्तरा द्वारा ).

     आज प्रात कोई दस बजे,इंट्यूशन हो रही थी ,कि जैसे शिल्पा 'शैली 'जी मुझे याद कर रही हो !बस ,फिर क्या था ,मैंने कॉल घुमा दिया। और बातों का सिलसिला जारी हो गया।


व्यक्तिगत कारणों से शिल्पा "शैली " के स्थान पर,प्रतीक -रूप में
अभिनेत्री  शिल्पा शैट्टी का चित्र लगाया गया है !
 

     -'सुबह -सुबह कॉल कर रहा हू ,इसलिए कि देखता हू कि आपमें कितनी एनर्जी है। 'मेरे इस कथन पर वे मुस्कुरा दी।
     -'शिल्पा जी ,आपकी ये बात पूरी तरह सच निकली कि समय ,स्वयं समाधान लेकर आता है।मेरी बेटी की पूरी फीस स्कूल ने माफ़ कर दी। नहीं तो हालात ने कमर तोड़ दी थी।'
     -'चलिए ,आपका एक तरफ से बर्डन कम हुआ। 'वे खुश होकर बोली।
     आगे बात उनके ऑफिस की चली ,तो मैंने कहा कि'यदि कटमर की नियत लोन भरने की है ,तो कंपनी को भी ,उसके हालातों को समझते हुए ,उदारता बरतनी चाहिए।'इस पर शिल्पा जी ने कहा कि 'व्यवहार में ऐसा नहीं होता। '
     'मैंने भी आज रास्ता तलाशने की भरपूर कोशिश की ,कि कोई एक तो सच्चा इंसान मिलेगा ,जो समस्या को सिरे चढ़ाएगा !मैंने आगे कहा। इस पर शिल्पा जी तपाक से बोली -'ये आपकी पॉजिटिविटी ही है ,जो आप विषम हालातों में लगे हुए हो !सौ में से वो एक इंसान खोजना होता है ,जिसके पास सॉलूशन होता है !'चौबीसों घंटे साकारात्मक रहने वाली ,शिल्पा जी के शरीर के निकट ,निश्चित रूप से,अवश्य ही प्रकाश-पुंज होगा !लगता है ,शोध के लिए वैज्ञानियों की टीम जरूर बुलवानी पड़ेगी !
     आज बातों के दौर में, उत्साह और व्याकुलता तो थी ,पर कानों को मज़ा नहीं आ रहा था,क्योंकि बाईपास पर ट्रैफिक का शोर बहुत था। आज मुझे अपने बहरें होने का अहसास हो रहा था ,हा -हा !
     बातें आगे बढ़ रही थी। आज शिल्पा जी ने ,मेरा मक्खन लौटाने का मन बना रखा था ,बोली-'आप जो लिखते हो ,वो बहुत गहराई में उतर जाता है!निष्कर्ष अच्छे निकालते हो आप !लेखन के प्रति आपकी ईमानदारी और मेहनत दिखती है !लेखों में नयापन होता है !बोरियत नहीं आती !'
     'शिल्पा जी,मेरा पुनर्जन्म है !पिछले जन्म का ज्ञान और संस्कार है !बातों के मर्म अच्छे से समझ आते है !और मैं ,मन ही मन सोच रहा था कि शिल्पा जी मेरे सिरहाने बैठी हो ,मैं लिखता रहूँ ,वे तारीफ के पुल बांधती रहे !पर प्रभु ,कभी मुझमें मेरे लेखन का अंहकार मत भरना !मेरे पाँव हमेशा जमीन पर ही रखना !

Shilpa Shetty Family

     बातों -बातों में शिल्पा जी ने ,फिर एक ऐसी बात बोल दी कि मैं उनके आगे ,फोन पे यार ,नतमस्तक हो गया !उन्होंने कहा कि मैं अपने निकटम संबंधों में अपना सब कुछ शेयर करती हू !कुछ भी उनसे छिपाती हूँ  ,तो मैं गलत हूँ!'रिश्तों के प्रति शिल्पा जी कितनी ईमानदार है !कितने विश्वसनीय रिश्तें है ,उनके पास ,इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है !रिश्तों के प्रति ईमानदार इंसान ,जीवन में प्राय कम मिलते है ! मेरी नज़र में ,शिल्पा जी ,एक G R 8 और धनी महिला है ,क्योंकि उनके पास रिश्तें है और अब मैं भी तो हूँ ,उनका रखवाला ,उनका भाला !पर ,रिश्तों के मामले में ,अपना तो बुरा हाल है ,दोस्तों !सचमुच ,अकाल पड़ा हुआ है !पीठ में छुरा घौंपा गया !गलत समझा गया या यूँ कहूं कि मेरे वजूद को कभी समझने की कोशिश ही नहीं की गई !स्वार्थी दुनिया में अकेले हो गए हम !

     कुछ को हमने छोड़ा ,कुछ ने हमको छोड़ा ,रह गया बस, अब लोगों से रिश्ता थोड़ा -थोड़ा !

     दरअसल ,मुझे लोग जल्दी से पसंद भी नहीं आते !अब ये बात दूसरी है ,दोस्तों कि, रिश्तों के गेम -शो 'कौन बनेगा रिश्तेदार ?'में मैंने अभी करोड़ों की बाजी जीती है !उन एक से रिश्ता ,करोड़ों रिश्तों के बराबर है !

सवा लाख से ,ये रिश्ता लड़ाऊं /मिलाऊ (तुलना )!
तँ मनोज बत्तरा नां कहलाऊँ !!

     खैर ,मैंने उनकी उक्त बात पर ,उन्हें तेज आवाज में ,जोरदार सैलूट किया ,-'सलूटटट ...... शिल्पा जी ,जबरदस्त वाला !'
     हमारे बीच का टेली-कलिंगनार आगे बढ़ रहा था !
     भूतकाल के धोखे ,फरेब और असफलताओं तथा अज्ञात भविष्य आदि को ध्यान में रखते हुए ,मैंने कहा कि  'कल मेरा नहीं था ,न आने वाला कल मेरा कभी हुआ ,इसलिए मैं आज में जीने लगा हूँ !आने वाला पल,जाने वाला है !हो सके तो इसमें जिंदगी बिता दो ,पल जो ये जाने वाला है !ये गीत सुना है ,आपने ?'
     शिल्पा 'शैली 'जी मेरी इस बात पर,मुस्कुराते हुए बोली ,कि 'मैं पता क्या सोचती हूँ कि आज ऐसा काम करो ,जो भविष्य बनायें !'
     यहाँ दरअसल ,हम दोनों के कहने का वे अलग -अलग था ,पर हम दोनों 'आज में' जीने की बात कर रहे थे। शिल्पा जी ने भी इस बात को माना !
     आज पता नहीं ,क्यों अपराध-बोध हो रहा है मुझे !आज मैं अपने इस लेख के साथ न्याय नहीं कर पाया !शिल्पा जी की लम्बी ,मर्म वाली बातों को यहाँ लिख नहीं पाया,शायद तभी !घर आते -आते बहुत कुछ भूल गया !'अब यादाश्त तेज करने वाला टॉनिक नहीं पिलाओगे ,तो ऐसे ही होगा,शिल्पा जी !खैर ,आज का टेली-कालिंगनार आप भी लिखिए !दो बार ,अलग-अलग स्टाइल में छाप देंगे !घर की अखबार /वेबसाइट है !अपने केड़े पैसे लगदे हैं इत्थे !

"पहले तो मैं जॉबर थी ,राइटर बनाया आपने !"


चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा




-'

Wednesday, September 9, 2020

शिल्पा के कारण; बत्रा के फ्रिज का मक्ख़न ,थोड़ा कम हुआ !-बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)

टेली-कॉलिंगनार !

'बर्बाद इंडिया 'की सबसे बड़ी प्रशंसक,शिल्पा  'शैली ',फिर पुरस्कृत !

शिल्पा के कारण; बत्रा के फ्रिज का मक्ख़न ,थोड़ा कम हुआ !

  दिनांक -9  सितम्बर ,2020 
 राजपुरा -चंडीगढ़ (पंजाब ). (शिल्पा 'शैली 'और मनोज बत्रा द्वारा ). 

      रियल और वास्तविक ,उन्हें इंसान कहना अटपटा लग रहा है ,इसलिए रियल और वास्तविक रब जैसे लोगों के अंतर्मन की पहचान ,उनकी आवाज में परिवर्तन से हो जाती है। दरअसल ,वे अंदर से जो, जी रहे होते है ,वो ही उनके चेहरे और आवाज से झलक रहा होता है। आज जब 'बर्बाद इंडिया'की उप -संपादक शिल्पा जी 'शैली'का कॉल आया ,तो उनकी आवाज साफ़ दिखा रही थी ,कि वे अंदर से कुछ उखड़ी हुई -सी थी। इस बात पर, मेरे पूछने पर वे नहीं मानी ,बोली -'नहीं कोई बात नहीं !'यहाँ मैंने उन्हें आवाज सही करने हेतू काढ़ा पीने की सलाह दी !खैर ,बत्तरा साहेब ,तो पूर्व -जन्मों के अंतर्ज्ञान और संस्कारों के धनी है ,अनकही बातें ,कम कही बातों के मर्म को ,गहरे तक समझ जाते है !


व्यक्तिगत कारणों से शिल्पा "शैली " के स्थान पर,प्रतीक -रूप में
अभिनेत्री  शिल्पा शैट्टी का चित्र लगाया गया है !
 


     मैं हैरान तब हुआ ,जब उक्त बात से जुडी बात उन्होंने बोल डाली -'सर ,लगता है इन दिनों आप काफी बिजी रहे ,जो हमारी बात नहीं हुई ,,,,,,पिछले टेलि-कॉलिंगनार का शेष-भाग मैंने पढ़ा !एक-एक बात आपने बड़ी गहराई से ,मर्म के साथ और अंत में निष्कर्ष देकर लिखी !लगता है ,मनोज सर ,आप कागज -पैन साथ रखते हो !'
     मन में उनकी बात सुनकर ,सोच रहा था कि प्यार हो ,दोस्ती हो या फिर कोई भी रिश्ता ,जब आदत बन जाता है ,तो वह अपनी अहमियत खो देता है !'नहीं ,बिजी नहीं था ,कुछ लापरवाही और कुछ संशय के कारण ,आपसे बात नहीं कर पाया !,,,,और जहाँ तक गहराई और मर्म के साथ लिखने का सवाल है ,तो पहले मैं दिये टॉपिक पर लिखता था। पर फिर जीवन के अनुभवों से ,अंतर्ज्ञान हुआ कि नहीं ,दिमाग के साथ दिल से भी लिखो। जो जियो वो लिखो ,ऐसी सच्चाई लिखो ,जो दुनिया के काम आ सके !और खुद में चिंतन -मनन से ,ऐसे निष्कर्ष पैदा करो ,जो आम -जन को ,जीवन की जटिलता में दिशा दे !शिल्पा  जी ,इसी का नाम तो साहित्य है !ऐसा लेखन ,ऐसा साहित्य, जिसमें विश्व का कल्याण और परोपकार छिपा है ! ऐसा साहित्य लिखना-पढ़ना सकारात्मकता पैदा करता है और विश्व-कल्याण और परोपकार की भावनायें ,इंसान को भक्ति की ओर ले जाती है !'
     खैर ,दोस्तों ,जो भी है ,शिल्पा 'शैली जी मेरी और 'बर्बाद इंडिया 'की सबसे बड़ी प्रशंसक है !उनकी स्वादिष्ट आवाज में ,तारीफ सुनकर स्वाद आ जाता है ,मानो ऐसे लगता है ,जैसे कोई बड़ा राष्ट्रिय -पुरस्कार मिला हो ,लिखना सफल हुआ हो !अब शिल्पा जी का सम्मान बनता है, भाई ! मुख्य सम्पादक की हैसियत से मैं उनको   'बर्बाद इंडिया 'की सबसे बड़ी प्रशंसक होने की घोषणा,पुरस्कार सहित करता हूं !
     हमारे बीच का टेलि-कालिंगनार ,अपने पूरे हुस्न पर था।शिल्पा जी बोली -'मेरे बॉस मुझसे बोले ,शिल्पा ,ऐसा आपमें क्या है ,जो काम हम सीनियर होकर भी नहीं कर पाते ,वो आप कर डालते हो !कंपनी के जो ग्राहक किश्तें नहीं भर रहे होते है ,वे आगे -पीछे किश्तें भरने लगते है !'यह सुनकर मैं भी खुश था कि मेरी सखी की ऑफिस में बहुत इज्जत है !खैर,शिल्पा जी ने आगे बॉस से कहा कि 'सर ,कंपनी के ग्राहकों से मेरी बॉन्डिंग अच्छी रहती है,उनकी मजबूरी को समझती हूँ ,किश्त भरने के लिए ,जोर नहीं डालती !सर ,कोई भी समस्या ,सही समय और सही जरिया आने पर ही ,स्वयं  हल होती है !बस ,कंपनी और ग्राहकों को सब्र से काम लेना चाहिए !कंपनी के ग्राहक मुझ पर विश्वास करते है !'उनकी बात बीच में रोक ,उत्सुकता में गलतियां होती रहती है ,मैं बोल पड़ा कि 'विश्वास किया नहीं जाता ,हो जाता है!'
     और इधर मुझे ये भी लग रहा था कि अपने फ्रिज का थोड़ा मक्ख़न आज कुछ और कम करूँ !'दरअसल ,आपकी मधुर और बैलेंस आवाज लोगों पर असर डालती है और वे पॉजिटिव होकर ,एक्टिव हो जाते है !'मैं ये सब उनसे बोला ,मन में यह सब सोचते हुए भी ,कि तैनूं तां निन्द आ जांदी है ,इनहादि ग्लां सुनके ,जिवें सप्प ,सो जांदा है ,बीण दी आवाज तें !
     दरअसल , शिल्पा जी को खुद भी नहीं मालूम ,कि उनकी आवाज में जादू  है ! सुनने वाले में भी ,आवाज की आवृति ,बैलेंस ,मर्म आदि को समझने की शक्ति होनी चाहिए !वैसे तो कोई इंसान पूर्ण नहीं होता ,पर नवजोत सिंह सिद्धू के स्टाइल में कहूं तो,'मोहतरमा ,तुसी कम्प्लीट हो ,सारियां नूं करदे ,पलित्त हो !'भई ,अपनी तो बेहतरीन इंसान वाली तलाश इनसे पूरी हो गयी है !

     "बत्तरा साहब ,बस करो आप !इतनी तारीफ भी कोई मुँह पे करता है ?" 
     -"अरे , पगले मन !मैं तो सखी साहिबा की तारीफ ,फ़ोन  पे कर रहा हूँ !"

चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा



Friday, September 4, 2020

5 %कलियुग में,सांप से डर,चूहा पेड़ पर रहने लगा !-बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)

सच्ची घटना ! मार्मिक प्रसंग !!

5 %कलियुग में,सांप से डर,चूहा पेड़ पर रहने लगा !

चूहे और गिलहरी ने कराये ,बत्तरा को भूल व पाप के अहसास! रामायण के प्राय अनसुने प्रसंग याद कर ,किया पश्चाताप !

दिनांक -3 सितम्बर ,2020 .
राजपुरा (पंजाब ). (मनोज बत्तरा द्वारा ).

     आज मेरे जीवन की वो सच्ची घटना घटी ,जिसने मुझमें पाप के अहसास कराये और मुझे रामायण-काल की याद दिला दी !
     अभी दो-तीन दिन पहले का ही किस्सा है !मेरे पड़ोस के दो घरों में सांप निकले ,जोकि मानवीय हाथों द्वारा मारे भी गए !दरअसल ,मेरा एरिया सांप ,बिच्छू ,छिपकलियों ,चूंहो ,कीट -पतंगों से भरा हुआ है!मैंने कई बार प्रशासन का ध्यान इस और दिलाया ,पर इसका अभी तक कोई स्थाई समाधान नहीं निकल पाया !
     मैं उस समय हैरान हो गया ,जब हमारी एक सहृदय पड़ोसन ने, मेरे घर आकर ,मुझे बताया कि भैया ,सांप हमारे फ्रिज के ऊपर बैठा था !पहले तो हम डर गए ,क्योंकि हमारे घर छोटा बच्चा है !फिर हमने वह सांप मरवा दिया !आप उस समय घर नहीं थे ,नहीं तो सांप मारने के लिएआपको बुलाते !दरअसल ,सेफ्टी के लिए मैंने पड़ोस में दो बार साँपों को मारा था ,जिसका कि बाद में मुझे अफ़सोस भी रहा ,कि जीव -हत्या ,पाप है !
     खैर ,बातें चल रही थी !पड़ोसन ने बताया कि अगले दिन घरों के पीछे जो पेड़ है ,उन्होंने उस पर एक सांप को, तीन फुट ऊपर तक चढ़ते देखा है !मुझे समझते देर न लगी कि सांप पेड़ से चढ़कर ,दीवार से टप्प कर ,घरों में घुस रहे है !पड़ोसन ने आगे मुझसे प्रार्थना की ,कि भैया ,आप घरों के पीछे ,जो शोरूम है ,उनसे कहकर पेड़ कटवाओ !और बत्तरा साहब खुश हो गए कि मौहल्ले में मेरी कितनी इज्जत है !
     चलो भाई,शोरूम वालों से इस सम्बन्ध में बात हुई और वे सब ,मामले की गंभीरता को समझते हुए मान गए !और पांच लोगों ने मिलकर ,घरों के पीछे के 7 -8 सामान्य और फलदार पेड़ काट डालें,ताकि सांप पेड़ों से चढ़कर ,घरों में न घुसे !कुछ पेड़ों को  जड़ से और कुछ को 3 -4 फुट तक ऊपर तने तक ,काटा गया !
     मैं छत पर खड़ा पेड़ों को काटने की सारी कार्रवाही देख रहा था ,कि अचानक मैंने देखा कि एक पेड़ के ऊपर लगे, एक घौंसले में २ -3 चूहे बैठे है !आसपास पॉलिथीन के लिफाफे है और कुछ गंदगी भी है !कुल्हाड़ियों की आवाज सुनकर वे सब डरकर ,नीचे भाग गए !मुझे समझते देर न लगी कि चूहों को खाने के उद्देश्य से ही ,सांप पेड़ों पर चढ़ रहे है और घरों में भी घुस आते है !शोरूम का बगीचा ,आसपास गंदे नालों ,खेतों ,छप्पड़ के कारण साँपों से घिरा रहता है !संभवत ,साँपों के डर से ,जीवन -मोह के चलते चूहें ,पेड़ पर रहने लगे हो !



     इस घटना को देखकर ,मन में विचार भी चल रहे थे कि देखो ,अभी कलियुग लगभग 5 %ही गया है और चूंहे पेड़ों पर रहने लगें !रामायण -काल की भी याद आ रही थी !रामचंदर जी ने सीता मैया से कहा था कि "ऐसा कलियुग आयेगा ,हंस चुगेगा दाना -तिनका ,कौवा मोती खायेगा !"



     मेरा विचारक मन आगे भी सोच रहा था ,कि प्रकृति का चक्र तो देखों ,सांप ,चूहे को खाता है ,हम सांप को खाते भी है और मार भी डालते है !सांप और मानव कितने पापी है ,ये विचारणीय प्रश्न है !
    किन्तु अब एक बात तो समझ आती है मुझे ,कि प्रकृति ने सांप को मुख्यता मांसाहारी बनाया ,तो उसे चूहे को मारने का हक़ है ,ये कोई पाप नहीं हुआ !और मानव सांप को सुरक्षा की दृष्टि से मारें ,तो पाप नहीं है और बेवजह मारे ,तो पाप है !परिस्थितयों के अनुसार ,पाप और पुण्य की परिभाषा बदल जाती है !वेदों में ,जीव हत्या को पाप बताया गया है ,बुद्धिमान और विवेकशील इंसान की कोशिश ये होनी चाहिए कि जीव हत्या न ही करें और सम -भाव से,सब प्राणियों में आत्मा का अस्तित्व स्वीकारतें हुए ,जीने का अधिकार प्रदान करें !क्योंकि पाप -बोध ,आत्म-ग्लानि ,समस्त प्राणियों में स्वयं के श्रेष्ठ होने का अहम ,मूढ़ता आदि ,उसके भक्ति -मार्ग में बाधक है !



     उक्त विचारों की कश्मकश मेरे अंदर चल ही रही थी ,कि क्या देखता हू ,एक नन्हीं -सी ,प्यारी -सी गिलहरी ,उन कटे हुए पेड़ के तनों पर ,मस्ती से चढ़ने लगी !कटा हुआ तना देखकर ,डरकर ,बड़ी हैरानी से घबराकर कि ये क्या हुआ ,आखिर पेड़ गया कहाँ ?वह कटे तने से उतरकर ,कहीं और भाग गई !सारा दृश्य देख मेरा मन दुःखी हो गया कि क्या तुझे ,चूहे और गिलहरी का आशियाना छीनने का कोई हक़ था !क्या पर्यावरण को नुकसान देकर तूने अच्छा किया !सीता माता ने अपने पुत्रों लव-कुश को समझाते हुए कहा था कि हरे पेड़ों से लकड़ियां मत काटो ,ये पेड़ भी जीव है !जलाने के लिए सूखी लकड़ियों का प्रयोग करों!



     आगे मन में ये विचार भी कौंध रहे थे कि अपने मौहल्ले और अपने बीवी-बच्चों की सुरक्षा तो तूने देखी ,पर इन नन्हे जीवों की सुरक्षा का क्या !इनके आशियाने का क्या !
     रामायण -काल का एक और भी प्रसंग याद आ रहा था कि सीता माता को पाने के लिए ,समुद्र बांधने के लिए ,राम-सेतू का कार्य जोरों पर था!नर ,वानर ,रीछ -भालू आदि सभी अपना सहयोग दे रहे थे !कि तभी रामचंद्र जी ने देखा कि एक नन्ही गिलहरी ,बार-बार समुन्दर में गोता लगाकर ,अपने शरीर को गीला करती है और फिर रेत में लेटकर ,रेत को अपने शरीर से चिपकती है !फिर शरीर से चिपकी रेत से, पुल के पत्थरों के बीच की दरारों को भरने की कोशिश करती है !इस मासूम गिलहरी की कर्मठता और अपने प्रति श्रद्धा -भाव देखकर राम जी ,गिलहरी को अपनी गोद में बिठाकर ,प्यार से ,अपने हाथ से सहलातें है !आज भी गिलहरियों के शरीर पर ,तीन सफ़ेद धारियां ,भगवान राम की अँगुलियों की याद दिलाती है !



     जब से ये प्रसंग मैंने सुना था ,तब से नन्ही और मासूम गिलहरियों के प्रति मेरी अपार श्रद्धा रही है !पर आज मेरे कारण उसका आशियाना उजड़ गया !गिलहरी का ही क्यों ,चूहे का भी आशियाना मेरे कारण ही उजड़ा !
     अंत में ,सारी कश्मकश का मैंने यही हल सोचा कि हम बुद्धिमान और विवेकशील प्राणी है ,किन्तु मन की मूढ़ता ,अहम ,अज्ञानता ,अपनी सुविधा देखने आदि कारणों के चलते ,पर्यावरण और जीवों को नुक्सान दे देते है !यदि हम अपने घरों की दीवारों को ही ऊँचा करवाने की सोचते ,तो  पेड़ और चूहे व् गिलहरी के आशियाने बच सकते थे !मुझे अपनी भूल का अहसास था !और रही बात सांप और चूहे के प्रकृति -चक्र की ,तो उसमे दखलंदाजी शायद नैतिक नहीं है !


चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा



Wednesday, September 2, 2020

"अपनी लड़ाई,हमें खुद लड़नी पड़ती है!"-शिल्पा 'शैली' -बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)

"बर्बाद इंडिया"की उप सम्पादक शिल्पा 'शैली ' और मुख्य सम्पादक मनोज बत्तरा के बीच हुआ ,फिर एक और टेली कॉलिंगनार !

"अपनी लड़ाई,हमें खुद लड़नी पड़ती है!"-शिल्पा 'शैली' 

दिनांक -2 सितम्बर ,2020 . 
राजपुरा -चंडीगढ़ (पंजाब ). (मनोज बत्तरा द्वारा )

     "बर्बाद इंडिया "की उप सम्पादक शिल्पा 'शैली ' और मेरे (मुख्य सम्पादक मनोज बत्तरा के) बीच आज हुआ ,फिर एक और टेली कॉलिंगनार !सकारात्मकता की जीवित मूर्ति और उच्च -मानवीय गुणों की खान शिल्पा 'शैली'जी ने मुझसे कहा कि "बत्तरा साहब ,पॉजिटिवटी की शिक्षा का सारा श्रेय, आपने मुझे दे दिया !दरअसल पॉजिटिवटी आपके अंदर ही थी !"
     इस बात का श्रेय न लेना ,उनका बड़प्पन और महानता ही है !मैंने आगे कहा -"सच है ,पॉजिटिवटी मेरे अंदर ही थी ,विषम परिस्थितियों या यूँ कहूं कि जीवन के थपेड़ों से डरकर ,कहीं भाग गई थी !मन के किसी कोने में ,गधे बेचकर सो रही थी !आपने सहजता से जीवन में आकर ,उसे जगा दिया !आप द्वारा प्रदत्त जीवन के 'सकारात्मकता- मूल -मंत्र' को आधार मानकर ही ,विषम परिस्थितियों से लड़ रहा हूँ और अपने जीवन को गति और दिशा दे रहा हूँ !इस हेतू आपका हार्दिक अभिनन्दन और साधुवाद !" मैंने आगे एक उदाहरण भी प्रस्तुत किया कि जिस प्रकार ,अपनी शक्तियों को भूले बैठे हनुमान जी को ,जामवंत ने शक्तियों बारें याद दिलवाकर ,उन्हें सीता माता की खोज हेतू ,विशाल समंदर लंघवा दिया था ,उसी प्रकार आपने भी ,मुझमें छिपी सकारत्मकता की शक्ति को जागृत कर ,अविस्मरणीय सहयोग किया है !मेरी इस बात पर शिल्पा जी ,खिलखिला दी !


व्यक्तिगत कारणों से शिल्पा "शैली " के स्थान पर,प्रतीक -रूप में
अभिनेत्री  शिल्पा शैट्टी का चित्र लगाया गया है ! 


     "बत्तरा साहब ,इंसान को खुद अपनी लड़ाई आप लड़नी पड़ती है !बस ,जरुरत है ,स्वयं के अंतर्मन में जागृति ,चिंतन -मनन ,सहनशीलता और धैर्य की !"शिल्पा जी आगे बोली ! 
     सच ही तो कहा, शिल्पा जी ने!यहाँ मुझे भारतीय सिंगर हर्षिता सिंह द्वारा ,पाकिस्तानी सिंगर मोमिना मुस्तेंसन का लिखा गीत "जी लिया "याद आ रहा है ,जिसका कि केंद्रीय -भाव यह था कि जीवन में आप सुख -दुःख ,दोनों देखोगें !हर परिस्थिति में आपको अपने अंदर झाकना होगा !कश्मकश में ,उलझनों में ,विषम परिस्थितियों में ,आपको खुद से ही लड़ना होगा ,खुद को जगाना होगा ,अपनी शक्तियां को पहचाना होगा !जो मुश्किल है ,उसी रास्ते को चुनकर, जीवन को आगे दिशा देनी होगी !



     हमारें टेली कॉलिंगनार की चर्चा आगे बढ़ रही थी !
     "कर्म -फलों से उत्पन्न विषम परिस्थितियों के कारण ,जीवन -साथी भी आपका साथ छोड़ दे !नफरत करें ?"मैंने कहा !
     शिल्पा जी ने ,मेरे इस प्रश्न पर थोड़ी देर के लिए ,ख़ामोशी धारण कर ली !पर वे कुछ सोचकर बोली -"मैं ये सोचती हूं कि रिश्तों में यदि विश्वास ख़त्म हो जाये ,तो रिश्तों को कैसे ठीक करूँ !"
     "फ़ोर्स से रिश्तें कभी सहज नहीं होते !अंतिम सांस तक उनके सहज होने का इन्तजार होना चाहिए ,यही  रिश्तों के प्रति आपकी सच्ची श्रद्धा होगी "-मेरी बात सुनकर ,शिल्पा जी ने हामी भरी !पर ये भी सच है कि -

"जिंदगी के सफ़र में ,गुजर जाते है,जो मक़ाम !फिर नहीं आतें ,फिर नहीं आतें !"

     किसी कारण से हमारा फोन कट गया और हमारी चर्चा आगे न बढ़ सकी !पर मुझे अपने एक बिहारी मित्र शंकर भाई की याद आ गई ,वे कहा करते थे कि "जब रिश्तें उलझने शुरू हो जाएँ ,तो उन्हें वहीं छोड़ दों !ऐसा करने से रिश्तें ,उतने ही बने रहते है ,जितने कि वे है !ऐसे रिश्तें खत्म नहीं होते !सही वक़्त आने पर ,रिश्तों को सही किया जा सकता है!"क्योंकि शिल्पा जी ,"रिश्तों के भी रूप बदलते है !"
    कम पढ़ें शंकर भाई ने भी जीवन की इतनी बड़ी शिक्षा मुझे प्रदान की !नमन, उनके जीवन में रिश्तों के प्रति दृष्टिकोण को !
    बेशक हमारी बात आगे नहीं हुई ,पर शिल्पा जी के पास होने का अहसास ,काफी देर तक मुझमें बना रहा !मुझमें सवाल उठ रहे थे कि क्या हम रिश्तों के बिना जी सकतें है ?मैं तो बिल्कुल भी नहीं! मुझे तो तलाश है ,अपने जीवन में सहज और ईमानदार रिश्तों की ,जो जीवन -भर साथ चलें!
------------------------------------------------------------
 कलिंगनार का शेष -भाग  !


दिनांक -3 सितम्बर ,2020 . 
राजपुरा -चंडीगढ़ (पंजाब ). (मनोज बत्तरा द्वारा )


"बर्बाद इंडिया"की उप सम्पादक शिल्पा 'शैली ' और मुख्य सम्पादक मनोज बत्तरा के बीच हुआ कलिंगनार प्रकाशित हो चुका था ,जिसे पढ़कर शिल्पा जी ने मुझे फिर कॉल कर दिया !

     शिल्पा जी बोली -"मुझे नहीं पता,कि शंकर भाई ने किस वे में अपनी उक्त बात बोली !मैं समझती हू कि कुछ रिश्तें जीवन में ,ऐसे होते है ,जिन्हें छोड़ा नहीं जा सकता !ऐसे रिश्तें जब उलझनें शुरू हो जाये ,तो धीरे -धीरे बड़ी सावधानी से ,सहजता और समझदारी से शॉट आउट करने चाहिए !बत्तरा साहब ,आप खुद भी तो कहतें है कि मैं रिश्तों में ,लॉन्ग टाइम चलता हूँ !"
     "बिलकुल ,शिल्पा जी! रिश्तें बहुत नाजुक होते है !कोई भी रिश्ता टाइम माँगता  है !"मैंने भी अपनी सहमति जताई !

     ("धीरे -धीरे प्यार को बढ़ाना है,हद से गुजर जाना है !")

    आगे मैंने शिल्पा जी को अमूल मक्खन लगातें हुए कहा -"आप सचमुच रियल पर्सन है !और आपकी ये बात भी आज मान लेता हूँ कि हम दोनों एक जैसे है !मैंने कभी रिश्तों के आगे ,पैसों को भी कभी अहमियत नहीं दी !"
    घर पहुँचते -पहुँचते ,मैं  आधी बातें तो भूल गया !यार ,कोई मुझे यादाश्त बढ़ाने वाला टॉनिक तो पिला दो !
     खैर ,अंत में मैंने शिल्पा "शैली "जी से प्रार्थना की ,कि सकारात्मकता ,आज समाज की जरुरत है ,इसलिए खुलकर लेखन -क्षेत्र में अपना सहयोग दें !... 
     अंत में ,हमारे वार्तालाप का यहीं निष्कर्ष निकला,मैंने कहा कि "जिसे हम अंत समझते है ,दरअसल वहीँ से जीवन की शुरुआत होती है !सकारात्मकता के साथ ,स्वयं पर विश्वास ,अगर है तो ,सफलता सदैव आपके कदम चूमती है !"
     इस पर शिल्पा जी की सहमति का ,मुझे  पुरस्कार मिला !बस ,हमने बात को यहीं विराम दिया !रियली थैंक्स शिल्पा जी ,शैली जी ,जिनका मन नहीं ,बिल्कुल भी मैली जी ! 


चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा






Wednesday, August 19, 2020

"चुगली का मज़ा लेने वाले ,तेरी भी चुगली हो रही है ,मौहल्ले में !"-बर्बाद इंडिया / मनोज बत्रा (एडिटर)

सम्पादकीय- 


आचार्य मनोज बत्तरा के कीपैड से !


 "चुगली का मज़ा लेने वाले,तेरी भी चुगली हो रही है,मौहल्ले में !"

     "चुगली"-नाम से ही स्पष्ट है कि गली -मौहल्ले में होने वाली चूँ -चूँ ,ची -ची आदि को ही चुगली कहा जाता है और ऐसे मौहल्ले को "चुगली मौहल्ला "! अन्य नामों में बुराई ,निंदा ,कान भरना आदि भी, चुगली को ही कहते है!किसी के गुण -दोष बताना (आलोचना/समीक्षा ),निंदा या चुगली नहीं होती !चुगली के मामले में पुरुष से ज्यादा औरतें बदनाम होती है !

योगी जी: क्या केवल जुगाली करेंगी ...

     भैंस की जुगाली हो या लोगों की चुगली ,बेवजह नहीं होती !भैंस घास आदि खाने के बाद अपने मुँह से सफ़ेद झाग निकालती है ,जैसे मानो कोलगेट कर रही हो और पुरुष व औरतें स्वयं की हीनता ,कमजोरी तथा आदतन आदि के कारण चुगली करते है!कुछ हाउस वाइफ औरतों का तो घर की चारदीवारी में सारा दिन दम घुटता है ,तो वे पड़ोसन की चौखट पर पहुँच जाती है ,चुगली का अधूरा ग्रन्थ लिखने को!वैसे भी खाली दिमाग शैतान का घर होता है !मुझे याद आ रहा है ,किसी विद्वान् का कथन कि "निंदा का जन्म ,हीनता और कमजोरी से ही होता है!"
     निंदा ,बुराई ,चुगली करने वाले को "निन्दक "कहा जाता है !निन्दक मुख्यता दो प्रकार के होते है-सामान्य निन्दक और मशीनरी निन्दक !सामान्य निन्दक वे निन्दक होते है ,जो परिस्थितयों के अनुसार ,कम या ज्यादा लोगों की सामान्य रूप से चुगली -निंदा करते है!और मशीनरी निन्दक ,वो निन्दक होते है ,जो चालू मशीन की तरह,लगातार चुगली-निन्दा करते ही रहते है !वे रुकने का नाम ही नहीं लेते है !मशीनरी निन्दक ,सामान्य निन्दकों से ज्यादा खतरनाक होते है !और मशीनरी निन्दकों में, सामान्य निन्दकों से कहीं ज्यादा हीनता और कमजोरी होती है !
     दोनों प्रकार के निन्दकों में एक बात कॉमन है कि दोनों ही अपने अहम की संतुष्टि के लिए ,चुगली -निन्दा का सहारा लेते है और इनके अंतर में अकेलापन व् खालीपन भी संभवत होता है !काश ,कोई इनको समझा पाता कि जीवन का असली आनंद परोपकार ,कल्याण और ईश्वर के प्रति भक्ति आदि उच्च भावनाओं में है !दोनों ही निन्दक अपना और अपने सामने वाले श्रवणकारी शिकार का समय नष्ट कर रहे होते है !
     मौहल्ला चाहे कोई भी हो ,वहाँ थोड़ा या ज्यादा चुगली-निन्दा का साम्राज्य रहता ही है !"तारक मेहता"वाली 'गोकुलधाम सोसाइटी 'सब जगह थोड़ी होती है!मैंने एक मौहल्ला ऐसा भी देखा है ,जहाँ अंदर ही अंदर चुगली-निन्दा चलती है !पर इस मौहल्ले की ख़ास बात ये है कि यहाँ कभी झगड़ा नहीं होता !सब संभ्रांत परिवारों के स्याने लोग है!मैं तो यहीं कहूंगा कि "चुगली का मज़ा लेने वाले ,तेरी भी चुगली हो रही है ,मौहल्ले में !"
     मेरी नज़र में ,मौहल्ला सदभाव और सहयोगपूर्ण होना चाहिए !दिन में कितनी बार हम एक-दूसरे के मुँह -माथे लगते है !जरूरत ,सुख -दुःख में ,कम -ज्यादा एक-दूसरे के काम आते ही है! क्या ये छोटी बात है ?मौहल्ला भी एक वृहद परिवार है और पडोसी इस परिवार का महत्वपूर्ण हिस्सा!सारी उम्र जब साथ रहना है ,तो शूद्र और निम्नतर व्यवहार क्यों ?
    समझदारी इसी में है कि पहले तो किसी निन्दक को अपने पास बैठने न दें!और यदि आप ऐसा न कर पाएं ,तो उसे स्पष्ट बोलने का साहस अवश्य दिखाएँ कि किसी की बुराई हमसे न करें !हमारी फितरत सबसे मेलजोल वाली है !

Twitter पर @zoomtv: "Bollywood @ 13 megapixels - Gandhi Ji ke ...

     एक बार आपने निन्दक से किसी की चुगली -निन्दा सुन ली ,तो उसे आगे का रास्ता मिल जायेगा !क्योंकि आपको मज़ा आने लगता है ,दूसरों की बुराई सुनने में !तब आपको निन्दक अपना सगा रिश्तेदार लगने लगता है!आप उस पर अंधविश्वास करके, अपने भेद देने लगते है और वह महान निन्दक आपको कहाँ-कहाँ मशहूर कर देता है ,आपको पता चलना तो दूर ,आईडिया तक नहीं होता आपको, कि आप बदनाम हो चुके है !
     ऐसे निन्दक किसी न किसी बहाने आपके दिल और घर में घुसते है !अपनी तारीफ और इज्ज़त ये मौहल्ले के हर घर से चाहते है !पर दूसरे की इज्जत का जनाजा हर वक़्त ,निन्दा कर-कर निकालते रहते है !माफ़ कीजियेगा ,एक कहावत है कि -"ये गूं भी वहीं खाते है ,जहाँ की चुगली करते है !"
     यदि मौहल्ला "चुगली मौहल्ला"है,तो पड़ोसियों का दोगलापन और झूठे रिश्ते हमेशा आपको तकलीफ देंगे !सकारात्मक /पॉज़िटिव विचार,परस्पर सहयोग और सम्मान से हम  एक -दूसरे के जीवन में खुशबू बिखेरें -ऐसा विचार मन में ला,प्रण लें कि न बुरा कहेंगे ,न बुरा सुनेंगें !

Buy Sudha Gift & Toys Point Three Monkeys of Mahatma Gandhi ...


चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा