आश्चर्यजनक !
सोनू सूद की जरूरत ,भारतीय ग्रास कला को ,रोजगार -अवसर हेतू !
बंद आँखों से ,सरकंडे की अद्भुत कलाकृतियां बनाते है ,अभिषेक चौहान !
दिनांक -12 सितम्बर ,2020 .
राजपुरा (पंजाब ). (मनोज बत्तरा द्वारा ).
अनादि काल से चली आ रही ,विरासती कला 'ग्रास आर्ट' के माहिर ,ग्रास आर्टिस्ट अभिषेक चौहान ,देश के प्रथम ऐसे कलाकार है ,जो आँखें बंद करके ,सरकंडे/घास से,विभिन्न प्रकार की अद्भुत कलाकृतियां बना सकते है।
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और पंजाब सरकार द्वारा ,अभिषेक को उनकी इस अद्भुत कला हेतू सम्मानित भी किया जा चुका है। अभिषेक का कहना है कि ये विरासती कला ,आज अपनी पहचान खोती जा रही है ,यदि भारत के रियल हीरो और फिल्म कलाकार सोनू सूद ,इस कला के अम्बैसेडर बने ,तो विश्व -स्तर पर ,ग्रास कला की खासी पहचान बन सकती है !सरकंडे से फूल ,सजावटी सामान ,गहने ,धार्मिक -चिन्ह और राखियां आदि को भी तैयार किया जा सकता है ,इसलिए स्वदेशी रोजगार के अवसर को पैदा किया जा सकता है !प्रवासी मजदूरों हेतू रोजगार उत्पन्न करने की मुहिम चलाने वाले ,सोनू सूद की आवश्यकता ,आज देश की इस अद्भुत ग्रास कला को भी है !
सोनू सूद की जरूरत ,भारतीय ग्रास कला को ,रोजगार -अवसर हेतू !
बंद आँखों से ,सरकंडे की अद्भुत कलाकृतियां बनाते है ,अभिषेक चौहान !
दिनांक -12 सितम्बर ,2020 .
राजपुरा (पंजाब ). (मनोज बत्तरा द्वारा ).
अनादि काल से चली आ रही ,विरासती कला 'ग्रास आर्ट' के माहिर ,ग्रास आर्टिस्ट अभिषेक चौहान ,देश के प्रथम ऐसे कलाकार है ,जो आँखें बंद करके ,सरकंडे/घास से,विभिन्न प्रकार की अद्भुत कलाकृतियां बना सकते है।
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय और पंजाब सरकार द्वारा ,अभिषेक को उनकी इस अद्भुत कला हेतू सम्मानित भी किया जा चुका है। अभिषेक का कहना है कि ये विरासती कला ,आज अपनी पहचान खोती जा रही है ,यदि भारत के रियल हीरो और फिल्म कलाकार सोनू सूद ,इस कला के अम्बैसेडर बने ,तो विश्व -स्तर पर ,ग्रास कला की खासी पहचान बन सकती है !सरकंडे से फूल ,सजावटी सामान ,गहने ,धार्मिक -चिन्ह और राखियां आदि को भी तैयार किया जा सकता है ,इसलिए स्वदेशी रोजगार के अवसर को पैदा किया जा सकता है !प्रवासी मजदूरों हेतू रोजगार उत्पन्न करने की मुहिम चलाने वाले ,सोनू सूद की आवश्यकता ,आज देश की इस अद्भुत ग्रास कला को भी है !
अभिषेक के पुराने चित्र ! आँखें बंद और तैयार कलाकृति ! |
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा |