Translate

Search This Blog

my lead

230342f92a3d4e1cead36d395b2d7b45

बर्बाद इंडिया! नाम ही क्यों ?

सम्पादकीय- 

आचार्य मनोज बत्तरा के कीपैड से !


 जय हिन्द दोस्तों!

          एक संपादक की भूमिका में ,स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ। ये बेहद चुनौतीपूर्ण और जिम्मेदारियों से भरा कार्य हैं।



                                   


"बर्बाद इंडिया!"नाम ही क्यों ?

    भारत मेरी नज़र में एक बर्बाद देश है !इसके पीछे ये तर्क दिए जा सकते है -
१ -विश्व स्वास्थय संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार ,विश्व -भर में लगभग 30 करोड़ लोग भुखमरी से पीड़ित है। आधा -पेट खाना खाते है ,कुपोषित और बीमार है। इनमे से ,लगभग 19 करोड़ लोग भारत में ही है। ये बहुत बड़ा प्रतिशत है। इस दशा से इनको निकलने के प्रयास अत्यंत नगण्य ही है।  ये दुःखद और बर्बाद परिस्थिति है। 
२ -राजकोषीय -घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है। 
३ -उपनिवेशवाद और विदेशियाँ कम्पनियाँ देश को आर्थिक गुलामी और पतन की और ले जा रही है। 
४ -आर्थिक -विषमता और मंहगाई अपने चरम पर है।
५-पूंजीवाद और समाजवाद वाली मिश्रित अर्थव्यवस्था ,देश को कमजोर ही कर रही है। 
६ -गरीबी ,बेरोजगारी ,मंहगाई ,भष्ट्राचार,घोटाले ,आतंकवाद ,अशिक्षा ,शिथिल प्रशासन और  न्यायपालिका ,पत्रकारिता का गिरता स्तर ,व्यवसायिक पत्रकारिता आदि अनेकों कारण देश को शिथिल,अस्थिर और बर्बाद कर रहे है। 




मीडिया की अहम भूमिका !
   
      सब जगह त्राहि -त्राहि मची है।लोगो को शिक्षित व जागरूक करने और लोकमत -निर्माण करते हुए ,देश में सुधार की दिशा में ,मीडिया को भी अहम् भूमिका निभानी होगी।

-चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा 

https://www.youtube.com/watch?v=B0YAOkRlqHo&t=13s&fbclid=IwAR35oAyFjXlgi9hR-T6N73KxwHaH-mLgdVOI93YOTX1d6G-Ft5KU2ocN6Ws