सम्पादकीय-
आचार्य मनोज बत्तरा के कीपैड से !
चीफ एडिटर मनोज बत्तरा के अंतर्मन की प्रेरणा /पुकार !
स्वर्ग से महात्मा गाँधी जी ने ,भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को लिखा पत्र !!
स्वयं के लिए भारत-रत्न जैसे सर्वोच्च राष्ट्रीय -सम्मान, प्लास्टिक-मुद्रा के चलन ,डाक-विभाग के स्टाम्प /मोहर की काली स्याही में बदलाव और महापुरषों के लिए गन्दी शब्दावली रोकने हेतू सख्त कानून की मांग!
स्वर्ग लोक ,समय -कलियुग।
वर्तमान भारत के सबल ,लोक -कल्याणकारी व अति महत्वकांक्षी,सुपुत्र श्रेष्ठ ,प्रिय नरेंद मोदी !
सदैव देश -हित में ,निर्णय लें -मेरा सदैव आशीर्वाद हैं !!
मोदी जी की प्रशंसा !
पुत्र नरेंद्र मोदी ,पाकिस्तान के आतंकवाद के खिलाफ एयर स्ट्राइक ,कश्मीर से धारा 370 हटाना ,राम-मंदिर -निर्माण का रास्ता प्रशस्त होना , आर्थिक रूप से पिछड़े अनारक्षित वर्ग के लिए शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10 %आरक्षण ,नोट -बंदी से कैशलेस और डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा ,G S T जैसा एक बड़ा आर्थिक -सुधार,आयुष्मान भारत योजना से गरीबों का इलाज,उज्जवला योजना से स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा और धुंए से होने वाली ,बिमारियों से गृहणियों को मुक्ति आदि तुम्हारे और तुम्हारे शासन -काल के कल्याणकारी और ऐतिहासिक कार्य है ! सब कार्यों की प्रशंसा तो मैं नहीं कर पाउँगा ,क्योंकि मैं अहिंसावादी रहा !पर इतना जरूर कहूंगा कि तुम्हारे कार्य देश-हित में होते हैं !
गाँधी जी ने गिनाये ,अपने ऐतिहासिक और लोक-कल्याणकारी कार्य !
पर पुत्र ,ये कभी मत भूलना कि मैंने भी पूर्व में ,जीवित रहते देश के लिए,अपने प्राण न्योछावर किये थे !तुमसे पहले ,देश-हित में ऐतिहासिक और लोक-कल्याणकारी कार्य किये थे !जैसे:-अंग्रेजों भारत छोड़ों आंदोलन , करो या मरो आंदोलन ,सत्याग्रह-डांडी -यात्रा व नमक-सत्याग्रह आदि ,स्वतंत्रता हेतु जेल-यात्रा ,विदेशी माल का बहिष्कार ,कुटीर उद्योगों को समर्थन ,चरखे और खादी को महत्व,अछूत-उद्धार ,सर्वधर्म-एकता ,हिन्दू-मुस्लिम-एकता,मद्य -निषेध आदि !
गाँधी जी ने अपने हक़ में पूछा, एक बड़ा सवाल !
मैंने तो अपने उक्त कार्य ,देश-प्रेम ,लोक-कल्याण ,परोपकार आदि की भावनाओं से ओत -प्रोत होकर किये थे ,किन्तु आज स्वर्ग में बैठा -बैठा सोचता हू कि इन सबके बदले में, राष्ट्र-पिता का सम्बोधन,नोटों और डाक -टिकटों आदि पर मेरे चित्रों का प्रकाशन आदि ही मुझे मिला !
क्यों नहीं,और लोगों की तरह मुझे भी, "भारत -रत्न "जैसे सर्वोच्च राष्ट्रीय -सम्मान से नवाजा गया ?
स्वर्ग में गाँधी जी के मुँह पर कालिख ,मैल ,कीटाणु व कोरोना आदि का हमला !
पूर्व की समस्त सरकारों से लेकर, अब तक की,आपकी सरकार तक के समय में ,रोज अनंत बार मेरे मुँह पर कालिख पोती जाती रही है!क्यों किसी का ध्यान इस और नहीं गया ?कि राष्ट्र -पिता महात्मा गाँधी अपमानित हो रहे है!मैं ही क्यों ,देश के अन्य महान पुरुषों के मुँह पर भी ,कालिख पोतकर ,उन्हें अपमानित किया जा रहा है !
आज मेरे मुँह पर कीटाणुओं का हमला होता है !लोगों की मैल से ,मेरा दम घुटता है !कुछ लोग मेरे मुँह पर ,अनावश्यक रूप से भद्दी दाढ़ी -मूछ बना डालते है !मेरे लिए गन्दी शब्दावली प्रयोग करते है !कालिख ,मैल ,कीटाणु और अब तो कोरोना वायरस भी मुझ तक, सूक्ष्म -रूप में स्वर्ग पहुँच रहा है !
भारत में डाक-टिकट !
मोदी बेटे !जैसा कि तुम जानते हो कि आज़ाद हिन्दुस्तान का प्रथम डाक -टिकट ,21 नवंबर ,1947 को जारी किया गया था ,जिस पर कि भारतीय झंडे "तिरंगा "का चित्र और जय हिन्द लिखा हुआ है !
उन दिनों अशोक के राष्ट्रीय -चिन्ह वाला भी एक डाक-टिकट जारी गया !
आज़ाद भारत का मैं पहला भारतीय था ,जिस पर सर्वपर्थम डाक -टिकट जारी हुआ!
मेरे बाद ,बहुत सारे महापुरषों को सम्मान देने के उद्देश्य से,उन पर डाक-टिकट जारी हुए ,किन्तु इनमे से कुछ या बहुत प्रचलन में नहीं है !
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ,पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर,कस्तूरबा ,मदर टेरेसा,इंद्रा गाँधी,सर्वपल्ली राधा कृष्णन ,स्वामी विवेकानंद ,राज कुमार शुक्ल आदि देश के ऐसे सपूत है ,जिन पर डाक -टिकट जारी हुए है !
गाँधी जी के मुँह पर कालिख पोती जाती है !
भले ही देश में, आज संचार -क्रांति अपने चरम पर है !किन्तु आज भी सामान्य जनता ,डाक -विभाग जैसे संचार -माध्यम का इस्तेमाल करती है !सन्देश ,धन और त्वरित सन्देश आदि दूरस्थ या निकटम स्थानों पर भेजने के लिए ,डाक -विभाग अपनी अहम भूमिका निभा रहा है!
सन्देश -वाहक के पत्र के लिफाफे पर ,एक निश्चित मूल्य की डाक -टिकट चिपकाई जाती है ,जिस पर हमारे चित्र होते है !डाक -विभाग इन टिकटों पर प्राय :काले रंग की स्याही से अपनी मोहर /स्टाम्प लगाकर ,पत्र को गंतव्य तक ,निश्चित आंगुतक तक पहुंचा देता है !
इस तरह,पूर्व की समस्त सरकारों से लेकर, अब तक की,आपकी सरकार तक के समय में ,रोज अनंत बार मेरे और देश के अन्य महान पुरुषों के मुँह पर भी, कालिख पोती जाती रही है!
काला रंग शुभ और अशुभ !
भारत देश में हिन्दुओं की धार्मिक परम्पराओं में श्याम /काले रंग को बहुत शुभ नहीं माना जाता !काला रंग, मृत्यु ,शोक ,प्रतिशोध ,घृणा ,द्वन्द,निराशा आदि का भी प्रतीक समझा जाता है !
भारतीय दूल्हा -दुल्हन,विवाह के शुभ अवसर पर,काले रंग के कपडे नहीं पहनते ,बल्कि लाल ,पीले और गुलाबी रंगो के वस्त्र पहनते है ,क्योंकि ये रंग सौभाग्य के प्रतीक है !लाल रंग तो सकारात्मक ऊर्जा का भी प्रतीक माना जाता है !
भारत में प्रशासन और राज नेताओं आदि को काले रंग के झंडे दिखाने पर ,देश -द्रोह भी माना जाता है और गिरफ्तारियां भी होती है !
मेरे साथ भारतीय मुद्रा का भी अपमान! -महात्मा गाँधी।
भारतीय मुद्रा "रूपये "पर भी मेरा चित्र अंकित है !लेन -देन हेतु ,ये मुद्रा 130 करोड़ से अधिक भारतीयों के हाथों से गुजरती है !उनके गंदे हाथों से ,आज मेरे मुँह पर कीटाणुओं का हमला होता है !लोगों की मैल से ,मेरा दम घुटता है !कुछ लोग मेरे मुँह पर ,अनावश्यक रूप से भद्दी दाढ़ी -मूछ बना डालते है !मुद्रा पर.मेरे लिए गन्दी शब्दावली प्रयोग करते है !अब तो,इस मुद्रा पर कोरोना का भी असर हो गया है ! कालिख ,कीटाणु ,मैल आदि के अतिरिक्त , अब तो कोरोना वायरस भी मुझ तक ,सूक्ष्म -रूप में, पहुँच रहा है!वास्तव में. धरती का इंसान ,भगवान से भी बड़ा है !वह धरती पर बैठा-बैठा ,दूर किसी लोक में बैठे भगवान को, सूक्ष्म-रूप से , भोग लगा देता है!
इस तरह मेरा और भारतीय मुद्रा का अपमान हो रहा है !
महात्मा गाँधी जी की विनम्र मांगें !
1.-मैं अपनी भारत -भूमि का पुत्र हूँ ,रत्न हू !अपनी असाधारण देश-सेवा के लिए,भारत-रत्न जैसे सर्वोच्च राष्ट्रीय -सम्मान का अधिकारी हूँ !मेरे लिए विरोधाभास क्यों ?मेरे साथ भेदभाव क्यों?राष्ट्र के लोग मुझे प्यार से राष्ट्र -पिता और बापू पुकारें ,ये बिलकुल अलग बात है
!
2 .-भारत देश में हिन्दुओं की धार्मिक परम्पराओं में पीला ,लाल और गुलाबी रंग ,सौभाग्य और शुभता के प्रतीक माने जाते है ,अतः डाक-विभाग के स्टाम्प /मोहर की काली स्याही को बदल कर ,इन रंगों की स्याही का प्रमुख रूप से किया जाना चाहिए!
3 .-स्वच्छता ,सुरक्षा आदि के लिए ,कागज के नोटों को बंद करके,प्लास्टिक या अन्य कोई सुरक्षित मुद्रा को चलाया जाये !मोदी बेटा ,एक और नोट -बंदी की ,देश को जरूरत है!
4 .-जो लोग भारतीय मुद्रा पर अंकित मेरे चित्र में ,मेरे मुँह पर ,अनावश्यक रूप से भद्दी दाढ़ी -मूछ बना डालते है !मुद्रा पर.मेरे लिए और अन्य महापुरषों के लिए ,गन्दी शब्दावली प्रयोग करते है ,उनको सख्त कानून बनाकर रोका जाये !
"मोदी बेटे तुम सक्षम हो ,मेरी इन उक्त मांगों को पूरा करने में!नहीं तो ,डाक -टिकटों और नोटों आदि से मेरे चित्रों को हटवा दीजिये !मैं और अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकता !!"-महात्मा गाँधी।
और अंत में,तीसरे विश्व -युद्ध की संभावनाओं के मद्देनज़र ,स्मरणीय मेरे ये वाक्य !
"यदि मैं बिल्कुल अकेला भी हो जाऊं ,तो भी सत्य और अहिंसा पर दृढ़ और अटल रहूँगा ,क्योंकि यही सबसे आला दर्जे का साहस है ,जिसके सामने ,एटम बम भी ,अप्रभावी हो जाता है !"-महात्मा गाँधी।
सदा मुस्कुराइये ,खिलखिलायें !जय हिन्द !!
प्रेषक :-
भारत राष्ट्र का बापू /राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ,
महल नंबर -02 10 1869
स्वर्ग लोक !
पिन -15081947
फ़ोन -30011948
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फ़ोन -30011948
email-bapumahatmagandhi@india.jaihind
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा https://www.youtube.com/watch?v=B0YAOkRlqHo&t=13s&fbclid=IwAR35oAyFjXlgi9hR-T6N73KxwHaH-mLgdVOI93YOTX1d6G-Ft5KU2ocN6Ws |