आश्चर्य -जनक :एक अद्भुत आलू (नवजात शिशु की शक्ल वाला)!
नई दिल्ली ,इंडिया (मनोज बत्तरा द्वारा ).
विश्व के सात नए आधिकारिक अजूबों की बात करें ,तो चिचेन इत्जा में पिरामिंड (मैकिसको ),ब्राजील का मसीह उद्धारक ,इटली का रोमन कोलॉजियम ,भारत का ताज महल ,चीन की महान दीवार ,पेरू का माचु पीच्चु और जॉर्डन का पेट्रा !
भारतीय फ़िल्मी सिनेमा के अनुसार,दुनिया में सात नहीं ,आठ अजूबें है -"सात अजूबे इस दुनिया में ,आठवीं अपनी जोड़ी !तोड़े से भी न टूटे ,धरम -वीर की जोड़ी ,हो-ओहो !, हो- ओहो !!"(फिल्म "धर्मवीर "का गीत ).
इसके बावजूद ,कुदरत /प्रकृति महान है ,समय -समय पर वह तरह -तरह के आश्चर्यजनक कारनामें ,मनुष्य को दिखाती रहती है ,ताकि मानव जिज्ञासा ,कौतूहल ,श्रद्धा ,भक्ति आदि के साथ ,अंहकार -रहित होकर ,प्रकृति को सर्वोपरि मानते हुए, नत-मस्तक रहें! न जाने कितने ही आश्चर्य ,इस दुनिया में बिखरे पड़े हैं !
ऐसा ही एक आश्चर्य ,अचानक मेरे सामने आया ,तो मेरी आंखें फटी कि फटी रह गई !
कुछ वर्ष पुरानी बात है ,मेरी इकलौती बीवी बोली-"आज काम से छुट्टी मारी है ,घर के कामों में हाथ बटाओ !"हर किसी की बीवी इसी ताक में रहती है,कि कब पति छुट्टी मारकर घर पर रहे ,हम उस पर अपना हुक्म चलाये !बेचारा मैं ,मरता क्या न करता !सोचा -चल आज इनको खुश कर देते है !एक कहना मानने से कुछ महीने अच्छे बीत जायेंगे !नहीं तो "पत्नी -पीड़ित संस्था "का मेंबर बनना पड़ेगा !पत्नी जानबूझकर जली हुई रोटियां खिलायेंगी !पत्नी बोली -"चलो ,आलू छील दो ,आज आलू -टमाटर की सब्जी बनानी है !''और आलू की टोकरी मेरे हाथ में थमाकर चली गई !
पर ये क्या ,आलू छीलते -छीलते मेरे हाथ कांपते हुए ,रुक गए और वो अजीब-सा आलू मेरे हाथ से नीचे गिर गया !कुछ सेकंड बाद, मैंने हिम्मत करते हुए ,उस अजीब आलू को जमीन से उठाया और ध्यान से देखा !
सचमुच ,मन जिज्ञासा और कौतूहल से भर उठा!मेरी आँखें फटी कि फटी रह गई !वह आलू किसी नवजात शिशु की शक्ल का था !गंजा सिर ,माथा ,2 भौंए,२ आँखें ,एक नाक ,एक मुँह ,2 कान और बड़ी -सी गर्दन !
मैं हैरान जरूर था ,पर मेरे चेहरे पर ,अपार ख़ुशी वाली मुस्कान भी आई !कि कुदरत का मेरे ऊपर आशीर्वाद है ,इस सबके पीछे उसका कोई संकेत /मंशा छिपी है !पूर्व -जन्म के संस्कारों से निर्मित है,आज का मेरा व्यक्तित्व !इसलिए आश्चर्य -जनक घटनाएं ,पूर्वाभास आदि होते रहते है !
अंत में ,इससे पहले कि मैं इस आलू को मीडिया के जरिए ,दुनिया के सामने ला पाता ,दो दिन बाद ,इस स्वस्थ आलू की मृत्यु हो गयी !मरने से पहले ,उसने काले -पीले रंग का पानी (रक्त )छोड़ा और पिचक गया ,सिकुड़ गया!
सचमुच ,ऐसे लगा था ,जैसे किसी नवजात शिशु की आत्मा ,आलू के शरीर में प्रविष्ट होकर,मुझसे मिलने आई थी !वैसे मुझे आज तक इसके पीछे का कारण समझ नहीं आया !
नई दिल्ली ,इंडिया (मनोज बत्तरा द्वारा ).
विश्व के सात नए आधिकारिक अजूबों की बात करें ,तो चिचेन इत्जा में पिरामिंड (मैकिसको ),ब्राजील का मसीह उद्धारक ,इटली का रोमन कोलॉजियम ,भारत का ताज महल ,चीन की महान दीवार ,पेरू का माचु पीच्चु और जॉर्डन का पेट्रा !
भारत का ताज महल |
भारतीय फ़िल्मी सिनेमा के अनुसार,दुनिया में सात नहीं ,आठ अजूबें है -"सात अजूबे इस दुनिया में ,आठवीं अपनी जोड़ी !तोड़े से भी न टूटे ,धरम -वीर की जोड़ी ,हो-ओहो !, हो- ओहो !!"(फिल्म "धर्मवीर "का गीत ).
इसके बावजूद ,कुदरत /प्रकृति महान है ,समय -समय पर वह तरह -तरह के आश्चर्यजनक कारनामें ,मनुष्य को दिखाती रहती है ,ताकि मानव जिज्ञासा ,कौतूहल ,श्रद्धा ,भक्ति आदि के साथ ,अंहकार -रहित होकर ,प्रकृति को सर्वोपरि मानते हुए, नत-मस्तक रहें! न जाने कितने ही आश्चर्य ,इस दुनिया में बिखरे पड़े हैं !
ऐसा ही एक आश्चर्य ,अचानक मेरे सामने आया ,तो मेरी आंखें फटी कि फटी रह गई !
कुछ वर्ष पुरानी बात है ,मेरी इकलौती बीवी बोली-"आज काम से छुट्टी मारी है ,घर के कामों में हाथ बटाओ !"हर किसी की बीवी इसी ताक में रहती है,कि कब पति छुट्टी मारकर घर पर रहे ,हम उस पर अपना हुक्म चलाये !बेचारा मैं ,मरता क्या न करता !सोचा -चल आज इनको खुश कर देते है !एक कहना मानने से कुछ महीने अच्छे बीत जायेंगे !नहीं तो "पत्नी -पीड़ित संस्था "का मेंबर बनना पड़ेगा !पत्नी जानबूझकर जली हुई रोटियां खिलायेंगी !पत्नी बोली -"चलो ,आलू छील दो ,आज आलू -टमाटर की सब्जी बनानी है !''और आलू की टोकरी मेरे हाथ में थमाकर चली गई !
पर ये क्या ,आलू छीलते -छीलते मेरे हाथ कांपते हुए ,रुक गए और वो अजीब-सा आलू मेरे हाथ से नीचे गिर गया !कुछ सेकंड बाद, मैंने हिम्मत करते हुए ,उस अजीब आलू को जमीन से उठाया और ध्यान से देखा !
सचमुच ,मन जिज्ञासा और कौतूहल से भर उठा!मेरी आँखें फटी कि फटी रह गई !वह आलू किसी नवजात शिशु की शक्ल का था !गंजा सिर ,माथा ,2 भौंए,२ आँखें ,एक नाक ,एक मुँह ,2 कान और बड़ी -सी गर्दन !
रिपोर्टर मनोज बत्तरा के हाथ में अद्भुत आलू ! |
अंत में ,इससे पहले कि मैं इस आलू को मीडिया के जरिए ,दुनिया के सामने ला पाता ,दो दिन बाद ,इस स्वस्थ आलू की मृत्यु हो गयी !मरने से पहले ,उसने काले -पीले रंग का पानी (रक्त )छोड़ा और पिचक गया ,सिकुड़ गया!
सचमुच ,ऐसे लगा था ,जैसे किसी नवजात शिशु की आत्मा ,आलू के शरीर में प्रविष्ट होकर,मुझसे मिलने आई थी !वैसे मुझे आज तक इसके पीछे का कारण समझ नहीं आया !
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा https://www.youtube.com/watch?v=B0YAOkRlqHo&t=13s&fbclid=IwAR35oAyFjXlgi9hR-T6N73KxwHaH-mLgdVOI93YOTX1d6G-Ft5KU2ocN6Ws |