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Wednesday, July 8, 2020

विकास दुबे जैसे अपराधियों को राजनितिक सांठ -गांठ पर कैसे रोक लगे ?-बर्बाद इंडिया /मनोज बत्रा (एडिटर )

सम्पादकीय- 

आचार्य मनोज बत्तरा के कीपैड से !


अपराधियों को राजनितिक -संरक्षण /सांठ -गांठ पर कैसे रोक लगे ?

     कुख्यात अपराधी विकास दुबे द्वारा, कानपुर में एक डी एस पी समेत आठ पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या का दुस्साहस,अपराधियों का राजनितिक सांठ-गांठ  स्पस्ट करता है। समय-समय पर कोर्ट और चुनाव- आयोग इस दिशा में पहल करते रहे है, किन्तु राजनितिक दलों की इच्छा- शक्ति के बिना, तमाम कोशिशें  विफल रही है!

vikas dube के लिए इमेज परिणाम

      एक विद्वान ने कहा था कि अपराधी जन्मजात नहीं होते ,बल्कि बनाये जाते है !बहुत सारे कारण  है ,जिनसे अपराधी बन जाते है या बनायें जाते है !जैविक- कारण ,मनोवैज्ञानिक -कारण ,गरीबी ,बेरोजगारी ,भौतिकवाद ,जटिलताएं,आगे बढ़ने की होड़ ,धन-तन-पिपासा ,अतिमहत्वांक्षा आदि ही ऐसे ही प्रमुख कारण है !अपराधियों को मुख्यतया चार श्रेणियों -स्वाभाविक ,सामान्य ,मशीनरी और सफेदपोश अपराधी ,में बांटा जा सकता है !सर्वप्रथम ,सकारात्मक वैचारिक -क्रांति के साथ-साथ ,निश्चित रूप से व्यवस्था और नीतियों में परिवर्तन करके ,इन कारणों को कम करना होगा ,ताकि अधिकांश अपराधी बने ही न !




    इसके पश्चात ,अपराध और अपराधी को पनपने ही न दिया जाये !इसके लिए प्रशासन और कानून को हाईटेक  व सख्त होना होगा !सविंधान में परिवर्तन करके ,पुलिस को राज्य -सूची के साथ ही ,केंद्र -सूची में भी डालने की आवश्कयता है ! स्थानीय -स्तर पर राज्य -पुलिस ,केंद्रीय -बल ,सरकारी गुप्तचर-विभाग ,सम्बंधित NGO और सामाजिक-कानूनी संस्थाओं आदि के प्रतिनिधियों व सदस्यों को संयुक्त -रूप से संगठित कर ,प्रशासनिक गतिविधियों को पारदर्शी रूप में अंजाम देना होगा !अपराधियों में  इस संयुक्त -प्रशासन और सख्त कानून का डर भी अपराध पर निश्चित रूप से अंकुश लगाएगा !

www.ujalahiteshiexpress.com/admin_privacy/image...


   अब मुख्यता ,अपराधियों को राजनितिक -संरक्षण /सांठ-गांठ पर कैसे रोक लगे ?इसके लिए ,एक ऐसे कानून के निर्माण और शत -प्रतिशत क्रियावन्यन की अतिआवश्यकता है ,जो स्वच्छ राजनीति  के लिए, ईमानदार और स्वच्छ छवि वाले ,पढ़े -लिखे देशभक्त लोगों को ही मुख्यता ,लोकतान्त्रिक परम्पराओं और मूल्यों का हिस्सा बनायें !यहाँ सविंधान की मूल -भावना और उदेश्यों का भी ध्यान रखा जाएँ!



   साथ ही राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट की शक्तियों में भी वृद्धि की जाये,कि यदि सरकार ,विपक्षी-दल या अन्य दल /संस्था /संगठन आदि भर्ष्टाचार व आपराधिक गतिविधियों या अपराधियों को संरक्षण/सांठ-गाँठ में लिप्त पाया जाता है ,तो उनकी तुरंत बर्खास्ती हो!उनकी चल-अचल संपत्ति जब्त की जाएँ और उन पर आपराधिक व देश-द्रोह का मुकदमा चलाया जाये !और ऐसे केसों में त्वरित फैसला हो!




चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा





Monday, July 6, 2020

तेल के दामों में कमी का लाभ जनता को क्यों नहीं ?-बर्बाद इंडिया /मनोज बत्रा (एडिटर )

सम्पादकीय- 


आचार्य मनोज बत्तरा के कीपैड से !


तेल के दामों में कमी का लाभ जनता को क्यों नहीं ?
    
  Fuel Price: Petrol and diesel prices reduced again due to fall in ...  

     बजट -निर्धारण में धन -आगमन और विभिन्न क्षेत्रों के विकास व लोक-कल्याणकारी योजनाओं आदि पर व्यय ,सब निश्चित होता है। सैद्धांतिक रूप और आर्थिक -दृष्टिकोण से ,सरकार आय -व्यय के असंतुलन पर ,घाटे की अर्थव्यवस्था को अपनाती है और प्राय उसका प्रयास रहता है कि वह इस घाटे की अर्थव्यवस्था को कम से कम अपनाएं। 
     इसके साथ ही ,व्यावहारिक रूप से ,सरकार की सोच यह भी रहती है कि वह लोक -कल्याणकारी योजनाओं को भी बजट के अनुसार चलाएं ,न कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतों के उतार -चढ़ाव के रहते ,जनता को अतिरिक्त लाभ पहुंचायें !क्योंकि इसके पीछे कहीं न कहीं सरकार की सोच ,प्राय लोक -कल्याणकारी होते हुए भी ,व्यापारिक रहती है। वह अपना राजस्व कम कर ,बजट को प्रभावित नहीं होने देती !वह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतों के गिरने का लाभ उठाते हुए ,राजस्व बढ़ाती है और घाटे की अर्थव्यवस्था को कम करती है।फलस्वरूप जनता को ये वाले लाभ मिल नहीं पातें !

Gold And Silver Rate On 8th June 2020, Bullion Rates In Major ...

    और सरकार के इस व्यावहारिक रूप का दूसरा पक्ष भी है!अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतों के बढ़ने पर ,सरकार दोहरापन दिखाती है। वह जनता पर बढ़ी कीमतों का बोझ डाल देती है!जोकि नैतिक नहीं है !बस यहीं से सरकार पर ऊँगली उठनी शुरू हो जाती है। इसके पीछे भी दो कारण समझ आते है - सरकार द्वारा राजस्व बढ़ाना और घाटे की अर्थव्यवस्था को कम करना !पर अगर सूक्ष्म -रूप से विचार किया जाएँ ,तो संभवतः राजस्व बढ़ाने के विकल्प  व संसाधनों की कमी ,भर्ष्टाचार ,आर्थिक -नीतियां ,आर्थिक -विषमता,उपनिवेश और एक सम्रग आर्थिक दृष्टिकोण आदि सरकार के जनता के प्रति सौतेले व्यवहार के प्रमुख कारण है! 
    एक लोक-कल्याणकारी सरकार को संविधान के लोक-कल्याणकारी नीति -निर्देशक तत्वों का स्वेच्छा से पालन करना चाहिए। सरकार को चाहिए कि तेल के दामों में अनावश्यक वृद्धि करने और आम जनता पर अनावश्यक कर लगाने से बचना चाहिए। अन्यथा ,विशेषतः किसानों की परेशानियां बढ़ेगी और आम जनता को महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी। अंतर्राष्ट्रीय परिस्थितयों में देश को आज उदार नीति की आवश्यकता है। 

  किसान क्यों रो रहे हैं प्याज़ के ...
    
  
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा



     

Tuesday, June 30, 2020

"बर्बाद इंडिया" के प्रमुख लिंक !-चीफ एडिटर -मनोज बत्तरा

"बर्बाद इंडिया" के प्रमुख लिंक !




ईमेल -
crownmanojbatra@gmail.com

वेबसाइट -

https://barbaadindianews.blogspot.com/2020/05/blog-post_8.html?fbclid=IwAR2_7bny7CS3GxQ9kEHVT-sNYQfsAKVTeVU5IzqPRhpU8MyUkCRLr5ihqWI

फेसबुक -पेज -

https://www.facebook.com/officialbarbaadindia/

फेसबुक -अकाउंट -

https://www.facebook.com/crownmanojbatra

फेसबुक -समूह -

https://www.facebook.com/groups/1608192265936467/?ref=group_header

इंस्ट्रग्राम -

https://www.instagram.com/CEOmanojbatrareporterdirector?fbclid=IwAR13C0QZMlbu4CdnahlL7uYoYPUSc6f-7ZjiUP1UUOaahpDg-QTbbHAkkGA

ट्विटर-

https://twitter.com/https%3A%2F%2Ftwitter.com%2Fcrownmanojbatra?fbclid=IwAR2SlohcDpFH8nGdA9jAhwHPoHPC45A7DFdhZL11fIcGuOUodInU5afsINU

यूट्यूब -वीडियो -

https://youtu.be/cYKirZXK-0w?fbclid=IwAR1-Dses6yLPBpnCm--ZLfUm8_QYNdKQJW4ZlLNT6YlWzdg4wepBRmo5jFw

https://www.youtube.com/watch?v=B0YAOkRlqHo&t=13s&fbclid=IwAR2xKm1CH_cG9DoHkcXupV-IE7DRHVZShhYxWAH1dkdYO7tzFUJOSA1YOns


चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा

https://www.youtube.com/watch?v=B0YAOkRlqHo&t=13s&fbclid=IwAR35oAyFjXlgi9hR-T6N73KxwHaH-mLgdVOI93YOTX1d6G-Ft5KU2ocN6Ws




Monday, June 29, 2020

15 देशों में ,"बर्बाद इंडिया "के बढ़ते कदम !हमारे उद्देश्य व जानकारी !-बर्बाद इंडिया /मनोज बत्रा (एडिटर )

हमारे बारे में व सम्पर्क !

     ई ,2020 ईसवी में प्रारम्भ हुआ, ऑनलाइन न्यूज़ वेबपोर्टल -"बर्बाद इंडिया, "अपने शीर्षक- नाम ,शैली ,विविधता आदि कई कारणों से ,बड़ी तेजी के साथ भारत सहित ,दुनिया के विभिन्न देशों में पसंद किया जा रहा है! 




मुख्य-संपादक आचार्य मनोज बत्तरा के विषय में !

     "बर्बाद इंडिया "के मुख्य संपादक आचार्य मनोज बत्तरा है!पूर्व -जन्म के संस्कारों से उनका व्यक्तित्व निर्मित है !सतयुग में वे एक साध्वी थे !अब पुनः जन्म में पूर्वाभास ,दिव्याभास ,प्रेम ,भक्ति परोपकार ,विश्व-कल्याण आदि उनके जीवन के अविश्वनीय सच है !वे मुख्यत :एक विचारक ,दार्शनिक और नवीन विश्व के स्वप्न -द्रष्टा है !
     वे लेखन ,संपादन ,साहित्य ,स्वतंत्र पत्रकारिता ,अध्यापन ,फिल्म -निर्देशन और समाज-सेवा आदि क्षेत्रों से जुड़ें रहे है !








     हिंदी -उर्दू -साहित्य और फिल्मस की विभिन्न विधायें -लेख ,सम्पादकीय ,लघु कथा ,आत्मकथा ,उपन्यास ,कविता ,गीत ,ग़ज़ल ,शेरों -शायरी ,डायरी ,नाटक ,फिल्म -पटकथा ,संवाद,निर्देशन आदि उनकी प्रमुख विधाएँ है !


      अमर उजाला ,दैनिक जागरण ,दैनिक ट्रिब्यून ,दैनिक शाह टाइम्स,दैनिक मुज़फ्फरनगर बुलेटिन ,उत्तम बुलेटिन ,विज्ञान प्रगति ,समय की धारा  आदि विभिन्न 20 से अधिक पत्र -पत्रिकाओं से वे जुड़े रहें !








हमारा उद्देश्य !

     1 . झूठी और व्यावसायिक पत्रकारिता आदि से दूर रहते हुए ,देश की सच्ची तस्वीर प्रस्तुत करना !



     2. कम पढ़े -लिखें लोगों ,सामान्य जनता और क्रन्तिकारी विचारों वाले व्यक्तियों को स्वतंत्र -पत्रकारिता,संपादक को पत्र -लेखन  और समाज-सेवा से जोड़ना तथा उन्हें मीडिया की शक्ति और स्टेटस का अनुभव कराना !





    3. हर क्षेत्र की सही ,सच्ची ,सटीक, प्रमाणिक,अनछुई और सकारात्मक खबरें,सम -सामयिक खबरें और क्षेत्रीय समाचारों को प्रमुखता से प्रकाशित करना !
    4. विभिन्न प्रकार की रचनाओं ,आलेखों आदि को प्रमुखता से प्रकाशित करना !

हमसे संपर्क करें ! 

official पेज -

https://www.facebook.com/officialbarbaadindia/

ईमेल -

crownmanojbatra@gmail.com



-चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा 








 




Monday, June 22, 2020

सूर्य -ग्रहण ,तीसरे विश्व -युद्ध व चीन के अंत का,कुदरती सन्देश तो नहीं ?-बर्बाद इंडिया /मनोज बत्रा (एडिटर )

सम्पादकीय- 

आचार्य मनोज बत्तरा के कीपैड से !


सूर्य -ग्रहण ,तीसरे विश्व -युद्ध व चीन के अंत का,कुदरती सन्देश तो नहीं ?

Surya Grahan 2020 LIVE Streaming Online: solar eclipse live Solar ...
21 जून ,2020 .
चंडीगढ़ (पंजाब )(मनोज बत्तरा द्वारा ).

     आज एक खगोलीय घटना घटी। सूर्य -ग्रहण लगा।पूरी दुनिया की नज़रें इस तरह के ग्रहण पर टिकी थी।क्योंकि 500 वर्षों के बाद, ग्रह -नक्षत्रों का यह दुर्लभ संयोग था। ये वलयाकार सूर्य -ग्रहण था।
     जब सूरज और धरती के बीच, चंदा मामा आ जाते है ,तो सूरज का प्रकाश धरती पर बेहद मंद पड़ जाता है ,जैसे 1000 वाट का जलता हुआ बल्ब ,10 वाट का हो गया हो। तब धरती के बहुत से हिस्सों में ,क्रमश:काली छाया आ जाती है।इसी को ज्योतिष -शास्त्र के अनुसार ,सूर्य -ग्रहण कहा जाता है।
     सूर्य -ग्रहण आज सुबह लगभग 9 बजकर 15 मिनट पर आरम्भ हुआ। और लगभग 6 घंटे का सफर तय करता हुआ ,दोपहर लगभग 3 बजे समाप्त हुआ !इसका असर 15 दिन तक माना जा रहा है।

Solar Eclipse: रविवार को लगेगा सबसे बड़ा ...

भारत के ज्योतिषियों के अनुसार ,सूर्य -ग्रहण!

    भारत के ज्योतिषियों के अनुसार ,सूर्य -ग्रहण सूक्ष्म और स्थूल ,दो प्रकार का होता है।ग्रहण में आसुरी शक्तियां बढ़ जाती है। प्राकृतिक -आपदा ,अनहोनी की सम्भावना रहती है। मानव की सोच ,चिंतन और भावनाओं में भी प्राय बदलाव आ जाता है।
    इन लोगों के अनुसार,सूर्य -ग्रहण के समय (ग्रहण से 12 घंटे पूर्व 'सूतक 'में भी )फल ,फूल ,लकड़ी ,तुलसी जी के पौधे ,देवी -देवताओं के चित्रों आदि को छूना नहीं चाहियें। बच्चों ,बूढ़ों और रोगी को छोकर ,सभी को भोजन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इस समय भोजन में विषाणु पड़ जाते है।जोकि शरीर को नुक्सान देते है!सूतक -काल में ही खाने-पीने की चीजों में तुलसी जी रख देने चाहिए। 

घर में है तुलसी का पौधा तो इन बातों ...

     ग्रहण में सूरज को नहीं देखना चाहिए ,नहीं तो अँधा होने की प्रबल संभावना रहती है। ग्रहण के समय तरल पदार्थ लिए जा सकते है। ग्रहण में अमंगल न हो ,इसलिये भगवान सूर्य सहित सभी देवी-देवताओं की पूजा -अर्चना ,गायत्री -मन्त्र ,महामृत्युंजय -मन्त्र आदि का उच्चारण करना चाहिए। बुराइयों से बचना चाहियें। क्योंकि इस समय भक्ति करने से ,अनंत गुणा फल प्राप्त होता है। कुरुक्षेत्र के ब्रह्म -सरोवर में इस ग्रहण के समय स्नान करने से ,अश्वमेध यज्ञ के बराबर फल मिलता है। ग्रहण के बाद नहा -धोकर ,पूजा-पाठ करके भोजन करना चाहिए।

भारत के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के अनुसार ,सूर्य -ग्रहण!

    भारत के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के अनुसार ,सूर्य -ग्रहण ,प्रकृति की एक अद्भुत घटना है। हमारे लिए यह एक उत्सव है। उनके अनुसार ,किसी भी प्रकार के अंधविश्वास में नहीं पड़ना चाहिए। और बच्चों को विज्ञान के अनुसार ही ,सूर्य -ग्रहण के लिए अपना आचरण रखना चाहिए।
     इनके अनुसार ,ग्रहण के समय खाना खाया जा सकता है। तरल -पदार्थ लिए जा सकते है।ये बताते है ,कि सूर्य -ग्रहण के समय ,हानिकारक पराबैंगनी किरणें निकलती है,जोकि आँख के रेटिना को नष्ट कर सकती है ,जिससे कि अंधे हो सकतें है। 3 सेकंड से अधिक रेटिना ऐसी किरणों को झेल नहीं पाता है। रेटिना नष्ट होने पर दर्द नहीं होता ,क्योंकि रेटिना में दर्द की नसें नहीं होती।सूर्य -ग्रहण में सूर्य देखने के लिए,विशेष प्रकार के चश्में और टेलीस्कोप का प्रयोग करना चाहिए।

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     ज्योतिष और विज्ञान की बहस में ,वैज्ञानिक कहते है कि वे सिर्फ लोगों को समझा सकते है !उनका भी मानना है कि आस्था पर तर्क का असर नहीं होता!

लोग डरें हुए थे !

     ज्योतिषियों के अनुसार ,आज का सूर्य-ग्रहण अशुभ स्थितियों में लगा था !अनहोनी ,प्राकृतिक आपदाओं की संभावना से लोग डरें हुए भी थे ,जिस कारण लोग पूजा -अर्चना में लगे रहे और समस्त माहौल भक्तिमय हो गया।

चैनल मालिकों को मोटी आमदनी !

      इसके अतिरिक्त,यू -टूयूब पर भी अनेकोनेक लोग भक्ति वीडियो देखने लगें ,जिस कारण विभिन्न चैनल के सब्सक्राइबर और व्यूज बढ़ गए। सबको मोटी आमदनी होगी।

कोरोना संकट में कमी आएगी ,के पीछे कोई तर्क नहीं !

     कुछ चैनल्स को यह भी कहते सुना और देखा गया कि इस ग्रहण के बाद ,कोरोना -संकट में कमी आयेगी !पर इसके पीछे कोई तर्क नहीं दिखाया गया !

अफ्रीका से चलकर भारत ,पाकिस्तान होता हुआ ,सूर्य -ग्रहण चीन में जाकर समाप्त हुआ ! 


    मेरा मानना है कि कुदरत हो या महान पुरुष ,इनका कोई भी कार्य, बिना उद्देश्य के नहीं होता !अफ्रीका से चलकर भारत ,पाकिस्तान होता हुआ ,सूर्य -ग्रहण चीन में जाकर समाप्त हुआ ! अगर मैं अपनी सूक्ष्म-बुद्धि (न कि छोटी बुद्धि )पर विश्वास करूँ ,तो मुझे ऐसा प्रतीत होता है ,कि ग्रहण का अंत चीन में ही क्यों ?और ऐसे समय में ही क्यों ,जब चीन के कारण ,दुनिया में लाखों लोग ,कोरोना से संक्रमित है !इस अंत में क्या छिपा है ! कहीं कुदरत चीन को यह सन्देश तो नहीं दे रही ,कि अपने अहंकार ,हवस ,साम्राज्यवादी ,बाज़ारवादी ,भोगवादी ,मानवता विरोधी और कुदरत विरोधी (कोरोना -संकट ) नीतियों में सुधार ला ,नहीं तो ,तीसरा विश्व-युद्ध निश्चित रूप से होगा और तेरा अंत भी निश्चित है !
    (मुझे इस बात की फिलहाल जानकारी नहीं है ,कि पूर्व सूर्य -ग्रहणों में कुछ ग्रहण चीन में ख़त्म हुए हो !)


     मुझे लगता है कि कुदरत चीन को सुधरने का ,युद्ध की विभीषिका से ,दुनिया को बचाने का एक अवसर दे रही है ! अब देखना होगा कि चालबाज चीन दुनिया को किस और धकेलता है !


-चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा 

https://www.youtube.com/watch?v=B0YAOkRlqHo&t=13s&fbclid=IwAR35oAyFjXlgi9hR-T6N73KxwHaH-mLgdVOI93YOTX1d6G-Ft5KU2ocN6Ws



Monday, June 15, 2020

स्वर्ग में गाँधी जी के मुँह पर कालिख ,मैल ,कीटाणु व कोरोना का हमला !भारत-रत्न,प्लास्टिक-मुद्रा आदि की मोदी से मांग !-बर्बाद इंडिया /मनोज बत्रा (एडिटर)

सम्पादकीय- 

आचार्य मनोज बत्तरा के कीपैड से !


चीफ एडिटर मनोज बत्तरा के अंतर्मन की प्रेरणा /पुकार !

स्वर्ग से महात्मा गाँधी जी ने ,भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को लिखा पत्र !!



स्वयं के लिए भारत-रत्न जैसे सर्वोच्च राष्ट्रीय -सम्मान, प्लास्टिक-मुद्रा के चलन ,डाक-विभाग के स्टाम्प /मोहर की काली स्याही में बदलाव और महापुरषों के लिए गन्दी शब्दावली रोकने हेतू सख्त कानून की मांग!


स्वर्ग लोक ,समय -कलियुग। 
वर्तमान भारत के सबल ,लोक -कल्याणकारी व अति महत्वकांक्षी,सुपुत्र श्रेष्ठ ,प्रिय नरेंद मोदी !
सदैव देश -हित में ,निर्णय लें -मेरा सदैव आशीर्वाद हैं !!


मोदी जी की प्रशंसा !

      पुत्र नरेंद्र मोदी ,पाकिस्तान के आतंकवाद के खिलाफ एयर स्ट्राइक ,कश्मीर से धारा 370 हटाना ,राम-मंदिर -निर्माण का रास्ता प्रशस्त होना , आर्थिक रूप से पिछड़े अनारक्षित वर्ग के लिए शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10 %आरक्षण ,नोट -बंदी से कैशलेस और डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा ,G S T जैसा एक बड़ा आर्थिक -सुधार,आयुष्मान भारत योजना से गरीबों का इलाज,उज्जवला योजना से स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा और धुंए से होने वाली ,बिमारियों से गृहणियों को मुक्ति आदि तुम्हारे और तुम्हारे शासन -काल के कल्याणकारी और ऐतिहासिक कार्य है ! सब कार्यों की प्रशंसा तो मैं नहीं कर पाउँगा ,क्योंकि मैं अहिंसावादी  रहा !पर इतना जरूर कहूंगा कि तुम्हारे कार्य देश-हित में होते हैं !


गाँधी जी ने गिनाये ,अपने ऐतिहासिक और लोक-कल्याणकारी कार्य !

     पर पुत्र ,ये कभी मत भूलना कि मैंने भी पूर्व में ,जीवित रहते देश के लिए,अपने प्राण न्योछावर किये थे !तुमसे पहले ,देश-हित में ऐतिहासिक और लोक-कल्याणकारी कार्य किये थे !जैसे:-अंग्रेजों भारत छोड़ों आंदोलन , करो या मरो आंदोलन ,सत्याग्रह-डांडी -यात्रा व नमक-सत्याग्रह आदि ,स्वतंत्रता हेतु जेल-यात्रा ,विदेशी माल का बहिष्कार ,कुटीर उद्योगों को समर्थन ,चरखे और खादी को महत्व,अछूत-उद्धार ,सर्वधर्म-एकता ,हिन्दू-मुस्लिम-एकता,मद्य -निषेध आदि !





गाँधी जी ने अपने हक़ में पूछा, एक बड़ा सवाल !

     मैंने तो अपने उक्त कार्य ,देश-प्रेम ,लोक-कल्याण ,परोपकार आदि की भावनाओं से ओत -प्रोत होकर किये थे ,किन्तु आज स्वर्ग में बैठा -बैठा सोचता हू कि इन सबके बदले में, राष्ट्र-पिता का सम्बोधन,नोटों और डाक -टिकटों आदि पर मेरे चित्रों का प्रकाशन आदि ही मुझे मिला !
     क्यों नहीं,और लोगों की तरह मुझे भी, "भारत -रत्न "जैसे सर्वोच्च राष्ट्रीय -सम्मान से नवाजा गया ?

Bharat Ratna Award List - YouTube


स्वर्ग में गाँधी जी के मुँह पर कालिख ,मैल ,कीटाणु व कोरोना आदि का हमला !


      पूर्व की समस्त सरकारों से लेकर, अब तक की,आपकी सरकार तक के समय में ,रोज अनंत बार मेरे मुँह पर कालिख पोती जाती रही है!क्यों किसी का ध्यान इस और नहीं गया ?कि राष्ट्र -पिता महात्मा गाँधी अपमानित हो रहे है!मैं ही क्यों ,देश के अन्य महान पुरुषों के मुँह पर भी ,कालिख पोतकर ,उन्हें अपमानित किया जा रहा है !
      आज मेरे मुँह पर कीटाणुओं का हमला होता है !लोगों की मैल से ,मेरा दम घुटता है !कुछ लोग मेरे मुँह पर ,अनावश्यक रूप से भद्दी दाढ़ी -मूछ बना डालते है !मेरे लिए गन्दी शब्दावली प्रयोग करते है !कालिख ,मैल ,कीटाणु और अब तो कोरोना वायरस भी मुझ तक, सूक्ष्म -रूप में स्वर्ग पहुँच रहा है !


आपके पास भी हैं गंदे नोट तो इन बातों ...



भारत में डाक-टिकट !

     मोदी बेटे !जैसा कि तुम जानते हो कि आज़ाद हिन्दुस्तान का प्रथम डाक -टिकट ,21 नवंबर ,1947 को जारी किया गया था ,जिस पर कि भारतीय झंडे "तिरंगा "का चित्र और जय हिन्द लिखा हुआ है !

हेरिटेज डाक टिकिट कब और क्यों जारी ...

डाक टिकट पर तस्वीरें छापने की शुरूआत ...


     उन दिनों अशोक के राष्ट्रीय -चिन्ह वाला भी एक डाक-टिकट जारी गया !


भारत में डाक विभाग जीवित व्यक्तियों ...


     आज़ाद भारत का मैं पहला भारतीय था ,जिस पर सर्वपर्थम डाक -टिकट जारी हुआ!


Bapu can make a postage stamp of 10 rupees millionaire


     मेरे बाद ,बहुत सारे महापुरषों को सम्मान देने के उद्देश्य से,उन पर डाक-टिकट जारी हुए ,किन्तु इनमे से कुछ या बहुत प्रचलन में नहीं है !


डाक टिकट क्या है ?


     पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ,पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर,कस्तूरबा ,मदर टेरेसा,इंद्रा गाँधी,सर्वपल्ली राधा कृष्णन ,स्वामी विवेकानंद ,राज कुमार शुक्ल आदि देश के ऐसे सपूत है ,जिन पर डाक -टिकट जारी हुए है !


हिंदी- Famous Indian personalities whose postage stamps have ...भारत में डाक विभाग जीवित व्यक्तियों ...


अजीत समाचारप्रसिद्ध भारतीय हस्तियाँ जिनके नाम ...

World Post Day 2019: इंटरनेट के जमाने में भी ...


 गाँधी जी के  मुँह पर कालिख पोती जाती है !


     भले ही देश में, आज संचार -क्रांति अपने चरम पर है !किन्तु आज भी सामान्य जनता ,डाक -विभाग जैसे संचार -माध्यम  का इस्तेमाल करती है !सन्देश ,धन और त्वरित सन्देश आदि दूरस्थ या निकटम स्थानों पर भेजने के लिए ,डाक -विभाग अपनी अहम भूमिका निभा रहा है!


भारतीय डाक | postname


       सन्देश -वाहक के पत्र के लिफाफे पर ,एक निश्चित मूल्य की डाक -टिकट चिपकाई जाती है ,जिस पर हमारे चित्र होते है !डाक -विभाग इन टिकटों पर प्राय :काले रंग की स्याही से अपनी मोहर /स्टाम्प लगाकर ,पत्र को गंतव्य तक ,निश्चित आंगुतक तक पहुंचा देता है !

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       इस तरह,पूर्व की समस्त सरकारों से लेकर, अब तक की,आपकी सरकार तक के समय में ,रोज अनंत बार मेरे और देश के अन्य महान पुरुषों के मुँह पर भी, कालिख पोती जाती रही है!


महामना मदन मोहन मालवीय की जीवनी एवं ...


काला रंग शुभ और अशुभ !


     भारत देश में हिन्दुओं की धार्मिक परम्पराओं में श्याम /काले रंग को बहुत शुभ नहीं माना जाता !काला रंग, मृत्यु ,शोक ,प्रतिशोध ,घृणा ,द्वन्द,निराशा आदि का भी प्रतीक समझा जाता है !
     भारतीय दूल्हा -दुल्हन,विवाह  के  शुभ अवसर पर,काले रंग के कपडे नहीं पहनते ,बल्कि लाल ,पीले और गुलाबी रंगो के वस्त्र पहनते है ,क्योंकि ये रंग सौभाग्य के प्रतीक है !लाल रंग तो सकारात्मक ऊर्जा का भी प्रतीक माना जाता है !


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     भारत में प्रशासन और राज नेताओं आदि को काले रंग के झंडे दिखाने पर ,देश -द्रोह भी माना जाता है और गिरफ्तारियां भी होती है !


मेरे साथ भारतीय मुद्रा का भी अपमान! -महात्मा गाँधी। 

     भारतीय मुद्रा "रूपये "पर भी मेरा चित्र अंकित है !लेन -देन हेतु ,ये मुद्रा 130 करोड़ से अधिक भारतीयों के हाथों से गुजरती है !उनके गंदे हाथों से ,आज मेरे मुँह पर कीटाणुओं का हमला होता है !लोगों की मैल से ,मेरा दम घुटता है !कुछ लोग मेरे मुँह पर ,अनावश्यक रूप से भद्दी दाढ़ी -मूछ बना डालते है !मुद्रा पर.मेरे लिए गन्दी शब्दावली प्रयोग करते है !अब तो,इस मुद्रा पर कोरोना का भी असर हो गया है ! कालिख ,कीटाणु ,मैल आदि के अतिरिक्त , अब तो कोरोना वायरस भी मुझ तक ,सूक्ष्म -रूप में, पहुँच रहा है!वास्तव में. धरती का इंसान ,भगवान से भी बड़ा है !वह धरती पर बैठा-बैठा ,दूर किसी लोक में बैठे भगवान को, सूक्ष्म-रूप से , भोग लगा देता है!
     इस तरह मेरा और भारतीय मुद्रा का अपमान हो रहा है !


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महात्मा गाँधी जी की विनम्र मांगें !

     1.-मैं अपनी भारत -भूमि का पुत्र हूँ ,रत्न हू !अपनी असाधारण देश-सेवा के लिए,भारत-रत्न जैसे सर्वोच्च राष्ट्रीय -सम्मान  का अधिकारी हूँ !मेरे लिए विरोधाभास क्यों ?मेरे साथ भेदभाव क्यों?राष्ट्र के लोग मुझे प्यार से राष्ट्र -पिता और बापू पुकारें ,ये बिलकुल अलग बात है 


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     2 .-भारत देश में हिन्दुओं की धार्मिक परम्पराओं में पीला ,लाल और गुलाबी रंग ,सौभाग्य और शुभता के प्रतीक माने जाते है ,अतः डाक-विभाग के स्टाम्प /मोहर की काली स्याही को बदल कर ,इन रंगों की स्याही का प्रमुख रूप से किया जाना चाहिए!


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     3 .-स्वच्छता ,सुरक्षा आदि के लिए ,कागज के नोटों को बंद करके,प्लास्टिक या अन्य कोई सुरक्षित मुद्रा को चलाया जाये !मोदी बेटा ,एक और नोट -बंदी की ,देश को जरूरत है!

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     4 .-जो लोग भारतीय मुद्रा पर अंकित मेरे चित्र में ,मेरे मुँह पर ,अनावश्यक रूप से भद्दी दाढ़ी -मूछ बना डालते है !मुद्रा पर.मेरे लिए और अन्य महापुरषों के लिए ,गन्दी शब्दावली प्रयोग करते है ,उनको सख्त कानून बनाकर रोका जाये !

     "मोदी बेटे तुम सक्षम हो ,मेरी इन उक्त मांगों को पूरा करने में!नहीं तो ,डाक -टिकटों और नोटों आदि से मेरे चित्रों को हटवा दीजिये !मैं और अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकता !!"-महात्मा गाँधी।


और अंत में,तीसरे विश्व -युद्ध की संभावनाओं के मद्देनज़र ,स्मरणीय मेरे ये वाक्य !


     "यदि मैं बिल्कुल अकेला भी हो जाऊं ,तो भी सत्य और अहिंसा पर दृढ़ और अटल रहूँगा ,क्योंकि यही सबसे आला दर्जे का साहस है ,जिसके सामने ,एटम बम भी ,अप्रभावी हो जाता है !"-महात्मा गाँधी। 

     सदा मुस्कुराइये ,खिलखिलायें !जय हिन्द !!


प्रेषक :-
भारत राष्ट्र का बापू /राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ,
महल नंबर -02 10 1869 
स्वर्ग लोक !
पिन -15081947
फ़ोन -30011948  
email-bapumahatmagandhi@india.jaihind


चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा

https://www.youtube.com/watch?v=B0YAOkRlqHo&t=13s&fbclid=IwAR35oAyFjXlgi9hR-T6N73KxwHaH-mLgdVOI93YOTX1d6G-Ft5KU2ocN6Ws