जल -बंटवारे पर केंद्र को डराने वाले ,पंजाब -मुख्यमंत्री सहित हरियाणा -मुख्यमंत्री को, जब लोक -हित में ,पत्रकार /देशभक्त मनोज बत्तरा ने अप्रत्यक्ष डराया !......
जल -विवाद के चलते ,बिजली का अवैध खम्बा,पंजाब -हरियाणा में आग लगा सकता है !@पत्रकार मनोज बत्तरा
21 अगस्त ,2020 .
राजपुरा (पंजाब ). (ईश्वर आज़ाद और मनोज बत्तरा द्वारा ).
भले ही पिछले दिनों केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ, वीडियो कॉन्फ्रेंस में, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा केंद्र सरकार को डराने की अप्रत्यक्ष कोशिश हुई !उन्होंने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को सचेत रहने की अपील करते हुए कहा कि यदि एस वाई एल(सतलुज -यमुना लिंक नहर )का पानी साझा किया गया ,तो कम पानी वाला पंजाब जलने लगेगा(हिंसक विरोध -प्रदर्शनों के कारण, उनका इशारा था!) और यह राष्ट्रीय समस्या बन जाएगी !यह मुद्दा देश की सुरक्षा को भंग करने की संभावना रखता है !40 साल पुराने इस मुद्दे से पंजाब में और
अ िस्थरता आएगी,पहले ही पंजाब, पाकिस्तान और अलगावादी सिख फॉर जस्टिस संस्था से खतरे में है !
पर पूर्व का एक अतिसंवेदनशील स्थानीय मुद्दा ,ऐसा भी है ,जिसमें पत्रकार और साहित्यकार मनोज बत्तरा द्वारा पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर को अप्रत्यक्ष रूप से डराकर ,मसला दो बार हल किया गया !इस मुद्दे से पंजाब की कांग्रेस सरकार के खिलाफ ,विपक्ष को विधान सभा में घेरने का मुद्दा हाथ लग जाता !पंजाब के साथ हरियाणा के लोग भी मर सकते थे,मर सकते है !हरियाणा ,पंजाब पर उसके लोगों को मारने का आरोप लगा सकता था,है !और यदि ऐसा होता ,तो संविधान का बहुत बड़ा संकट पैदा हो सकता था,है !
दरअसल राजपुरा ,पंजाब के एक गांव कुलदीप नगर में एक बिजली का खम्बा ,इस प्रकार मुड़ा हुआ था ,कि बिजली की हाई -वोल्टेज तारें धीरे -धीरे ,जमीन से 6 -7 फुट ऊपर तक आ गई थी !ये खम्बा नियमों को ताक पर रखकर ,किसी के खाली प्लॉट में ,एक शोरूम को पीछे से बिजली की सप्लाई देने हेतू खड़ा किया गया है !लापरवाही आदि के चलते ,इन तारों के नीचे से गुजरने से ,एक स्कूल -बस के बच्चें और एक कंटेनर का ड्राइवर मरते -मरते बचें !इन लटकती तारों के ऊपर अक्सर चिड़िया ,कौवें ,कबूतर आदि भी बैठकर ,जब उठकर उड़ते है ,तो ख़तरनाक़ तरीकें से ,स्पार्किंग तारों पर ,इधर से उधर दौड़ती है !(पुराना फाइल वीडियो संलग्न है !)
पत्रकार और साहित्यकार मनोज बत्तरा ने बताया ,कि आज भी दिक्कत ये है ,कि बारिशों के दिनों में और प्राय इन हाई वोल्टेज तारों के नीचे पानी भरा रहता है !ये पानी एक गंदे नाले और गंडाखेड़ी नहर से जुड़ा हुआ है !गंडाखेड़ी नहर आगे हरियाणा में चली जाती है !प्रॉपर बारिशों के दिनों में कच्चे में खड़े इस खम्बें के फिर से गिरने के चांस है !यदि ये खम्बा गिर जाता है या स्पार्किंग से तारें टूट कर ,गिर कर नीचे के पानी के संपर्क में आ जाती है ,तो गंडाखेड़ी नहर या आगे लिंक नहर में नहाने वाले पंजाब -हरियाणा के लोग ,बच्चें ,पशु ,खेतों में काम कर रहे किसान -मज़दूर आदि करंट से मर सकते है !चूँकि पंजाब और हरियाणा के बीच जल -विवाद चल रहा है ,हरियाणा के लोगों के मरने की िस्थति में हरियाणा ,पंजाब पर उसके लोगों को मारने का आरोप लगा सकता है !और यदि ऐसा होता है ,तो दोनों राज्यों के झगडे के कारण ,संविधान का बहुत बड़ा संकट पैदा हो सकता है !
बत्तरा ने आगे कहा कि दोनों राज्यों के बीच कोई संवैधानिक संकट आदि न हो ,इसीलिए एक जागरूक ,देशभक्त नागरिक होने का कर्तव्य निभातें हुए उन्होंने , उक्त आशय से सम्बंधित पत्र ,दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री को पहले भी भेजकर ,लोगों की जान-माल की रक्षा के लिए ,दो बार ये खम्बा और लटकती तारें उन्होंने ठीक करवाई है !पर सम्बंधित विभाग में भर्ष्टाचार इतना है कि कोई इस खतरनाक खम्बें को ,स्थाई रूप से नहीं हटवाता !समस्या फिर विकटता की और जा रही है !
जल -विवाद के चलते ,बिजली का अवैध खम्बा,पंजाब -हरियाणा में आग लगा सकता है !@पत्रकार मनोज बत्तरा
21 अगस्त ,2020 .
राजपुरा (पंजाब ). (ईश्वर आज़ाद और मनोज बत्तरा द्वारा ).
भले ही पिछले दिनों केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ, वीडियो कॉन्फ्रेंस में, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा केंद्र सरकार को डराने की अप्रत्यक्ष कोशिश हुई !उन्होंने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को सचेत रहने की अपील करते हुए कहा कि यदि एस वाई एल(सतलुज -यमुना लिंक नहर )का पानी साझा किया गया ,तो कम पानी वाला पंजाब जलने लगेगा(हिंसक विरोध -प्रदर्शनों के कारण, उनका इशारा था!) और यह राष्ट्रीय समस्या बन जाएगी !यह मुद्दा देश की सुरक्षा को भंग करने की संभावना रखता है !40 साल पुराने इस मुद्दे से पंजाब में और
अ िस्थरता आएगी,पहले ही पंजाब, पाकिस्तान और अलगावादी सिख फॉर जस्टिस संस्था से खतरे में है !
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह |
पर पूर्व का एक अतिसंवेदनशील स्थानीय मुद्दा ,ऐसा भी है ,जिसमें पत्रकार और साहित्यकार मनोज बत्तरा द्वारा पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर को अप्रत्यक्ष रूप से डराकर ,मसला दो बार हल किया गया !इस मुद्दे से पंजाब की कांग्रेस सरकार के खिलाफ ,विपक्ष को विधान सभा में घेरने का मुद्दा हाथ लग जाता !पंजाब के साथ हरियाणा के लोग भी मर सकते थे,मर सकते है !हरियाणा ,पंजाब पर उसके लोगों को मारने का आरोप लगा सकता था,है !और यदि ऐसा होता ,तो संविधान का बहुत बड़ा संकट पैदा हो सकता था,है !
दरअसल राजपुरा ,पंजाब के एक गांव कुलदीप नगर में एक बिजली का खम्बा ,इस प्रकार मुड़ा हुआ था ,कि बिजली की हाई -वोल्टेज तारें धीरे -धीरे ,जमीन से 6 -7 फुट ऊपर तक आ गई थी !ये खम्बा नियमों को ताक पर रखकर ,किसी के खाली प्लॉट में ,एक शोरूम को पीछे से बिजली की सप्लाई देने हेतू खड़ा किया गया है !लापरवाही आदि के चलते ,इन तारों के नीचे से गुजरने से ,एक स्कूल -बस के बच्चें और एक कंटेनर का ड्राइवर मरते -मरते बचें !इन लटकती तारों के ऊपर अक्सर चिड़िया ,कौवें ,कबूतर आदि भी बैठकर ,जब उठकर उड़ते है ,तो ख़तरनाक़ तरीकें से ,स्पार्किंग तारों पर ,इधर से उधर दौड़ती है !(पुराना फाइल वीडियो संलग्न है !)
पत्रकार और साहित्यकार मनोज बत्तरा ने बताया ,कि आज भी दिक्कत ये है ,कि बारिशों के दिनों में और प्राय इन हाई वोल्टेज तारों के नीचे पानी भरा रहता है !ये पानी एक गंदे नाले और गंडाखेड़ी नहर से जुड़ा हुआ है !गंडाखेड़ी नहर आगे हरियाणा में चली जाती है !प्रॉपर बारिशों के दिनों में कच्चे में खड़े इस खम्बें के फिर से गिरने के चांस है !यदि ये खम्बा गिर जाता है या स्पार्किंग से तारें टूट कर ,गिर कर नीचे के पानी के संपर्क में आ जाती है ,तो गंडाखेड़ी नहर या आगे लिंक नहर में नहाने वाले पंजाब -हरियाणा के लोग ,बच्चें ,पशु ,खेतों में काम कर रहे किसान -मज़दूर आदि करंट से मर सकते है !चूँकि पंजाब और हरियाणा के बीच जल -विवाद चल रहा है ,हरियाणा के लोगों के मरने की िस्थति में हरियाणा ,पंजाब पर उसके लोगों को मारने का आरोप लगा सकता है !और यदि ऐसा होता है ,तो दोनों राज्यों के झगडे के कारण ,संविधान का बहुत बड़ा संकट पैदा हो सकता है !
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ,प्रधानमंत्री मोदी जी के साथ! |
बत्तरा ने आगे कहा कि दोनों राज्यों के बीच कोई संवैधानिक संकट आदि न हो ,इसीलिए एक जागरूक ,देशभक्त नागरिक होने का कर्तव्य निभातें हुए उन्होंने , उक्त आशय से सम्बंधित पत्र ,दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री को पहले भी भेजकर ,लोगों की जान-माल की रक्षा के लिए ,दो बार ये खम्बा और लटकती तारें उन्होंने ठीक करवाई है !पर सम्बंधित विभाग में भर्ष्टाचार इतना है कि कोई इस खतरनाक खम्बें को ,स्थाई रूप से नहीं हटवाता !समस्या फिर विकटता की और जा रही है !
चीफ एडिटर आचार्य मनोज बत्तरा |